दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की बड़ी चाल: जानें, सैन्य अभ्यास के पीछे क्या है चीन की बड़ी साजिश, US राष्ट्रपति बाइडन की अग्निपरीक्षा
वाशिंगटन । दक्षिण चीन सागर पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन की सेना ने एक बार फिर इस क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर अपनी तातक और उपस्थिति का एहसास कराया है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई मिसाइलें दागी हैं। चीन के इस कदम के बाद अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी है। चीन की इस हरकत ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। चीन ने कोरोना महामारी और अमेरिका की आंतरिक राजनीति से जूझ रहे राष्ट्रपति बाइडन के लिए एक नई नई चुनौती पेश की है। दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार अमेरिका के नए निजाम की थाह ले रहा है। आखिर दक्षिण चीन सागर में चीन ने अपनी सैन्य गतिविधियों को क्यों किया तेज।
आखिर चीन के सैन्य अभ्यास के पीछे क्या है उसकी मंशा
- प्रो. हर्ष पंत का मानना है कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति बाइडन की जीत के बाद चीन ने इस क्षेत्र में अपने सैन्य अभ्यास को बढ़ाया है। इसका मकसद अमेरिका से जंग लड़ना नहीं है, बल्कि अब चीन दक्षिण चीन सागर में बाइडन के रुख को भांपने की कोशिश कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में वह अमेरिका की नहीं, बल्कि बाइडन की नीति की थाह ले रहा है।
- उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण चीन सागर पर अपने स्टैंड को साफ कर दिया था। वह चीन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते थे। इसके चलते दोनों देशों के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप पराजित हुए और व्हाइट हाउस में जो बाइडन ने अमेरिका की सत्ता संभाली। बाइडन ने शुरू में चीन के प्रति उदार दृष्टिकोण का संकेत दिया। उन्होंने चीन को लेकर अपने पूर्ववर्ती प्रशासन की नीतियों की निंदा की। इससे चीन का हौसला बढ़ा है। अब बाइडन की दक्षिण चीन सागर में उनकी दिलचस्पी की टोह ले रहा है।
- दूसरे, अमेरिका इन दिनों कोरोना महामारी से निपटने में उलझा हुआ है। इसका असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। चीन, अमेरिका के हालात का फायदा उठाने की कोशिश में जुटा है। वह अपनी सैन्य अभ्यास से अमेरिका को उकसना चाह रहा है। चीन यह जानता है कि कि अमेरिका इस समय अपने आंतरिक परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसे में चीन यह देखना चाहता है कि अमेरिका अपने मित्र राष्ट्रों को कितना मदद कर पाएगा।
- प्रो पंत का मानना है कि जब तक अमेरिका का बाइडन प्रशासन अपने दक्षिण चीन सागर पर अपने स्टैंड को साफ नहीं कर देता तब तक चीन के सैन्य अभ्यास में यह तेजी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि अभी बाइडन प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर पर अपने स्टैंड को क्लीयर नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पेंटागन दक्षिण चीन सागर पर अपनी नई रणनीति बनाने में जुटा है। इससे यह साफ हो सकेगा कि अमेरिका के नए निजाम का चीन और दक्षिण चीन सागर पर क्या रणनीति होगी।
चीन के सरकारी चैनल सैन्य अभ्यास का किया दावा
चीन के सरकारी चैनल ने शनिवार को इस सैन्य अभ्यास का दावा किया है। हालांकि, चैनल ने यह नहीं बताया कि यह सैन्य अभ्यास कब और कहां किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस सैन्य अभ्यास में गायडिड मिसाइल डिस्ट्रॉयर यिनचुआन, फ्रिगेट हेंगयांग, डॉक लैंडिंग शिप वुजिशान और शिप चागन शु शामिल थे। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीनी सैन्य बलों के बीच तनाव आगे भी बरकार रहेगा।
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