ऑनलाइन क्‍लास से बच्‍चों की आंखों को हो रहा है नुकसान, जानें बचने का तरीका

ऑनलाइन क्‍लास से बच्‍चों की आंखों को हो रहा है नुकसान, जानें बचने का तरीका

नई दिल्ली कोरोना का असर बच्‍चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। अब स्‍कूल में क्‍लासरूम की बजाय घर पर कंप्‍यूटर या लैपटॉप पर बच्‍चों को शिक्षा दी जा रही है। इस वजह से बच्‍चों के साथ-साथ शिक्षकों और माता-पिता की आंखों पर कंप्‍यूटर स्‍क्रीन की लाइट का बुरा असर पड़ रहा है।

ऑनलाइल क्‍लास की वजह से बच्‍चों का स्‍क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है जिसकी वजह से कई पैरेंट्स की नींदें उड़ गई हैं। हालांकि, कुछ सावधानियां बरत कर आप अपने बच्‍चे की आंखों को प्रोटेक्‍ट कर सकते हैं।

​कितना होना चाहिए स्‍क्रीन टाइम

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बच्‍चों को दिनभर में 20 से 40 मिनट से ज्‍यादा देर तक कंप्‍यूटर, लैपटॉप या मोबाइल की स्‍क्रीन नहीं देखनी चाहिए। एक बार में 20 मिनट से ज्‍यादा समय तक स्‍क्रीन न देखें। 3 से 5 साल के बच्‍चों को 3 बार में 20-20 मिनट कर के ऑनलाइन क्‍लास लेनी चाहिए।

वहीं 5 से 15 साल के बच्‍चे पढ़ाई और एंटरटेनमेंट के लिए दिन में एक घंटा स्‍क्रीन पर बिता सकते हैं। 16 साल से अधिक उम्र के बच्‍चों के लिए स्‍क्रीन टाइम की कोई सीमा नहीं है लेकिन फिर भी इन्‍हें एहतियात बरतना जरूरी है।

​कमरे में रोशनी हो

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जिस कमरे में बच्‍चे टीवी, कंप्‍यूटर या फोन चला रहे हैं, वहां पर अच्‍छी रोशनी होनी चाहिए ताकि आंखों पर दबाव न पड़े। मॉनिटर या स्‍क्रीन की ब्राइटनेस को मध्‍यम रखें।

अगर आप कम रोशनी में स्‍क्रीन पर देखते हैं तो इससे आंखों पर ज्‍यादा बुरा असर पड़ता है और इससे रेटिना के डैमेज होने का खतरा रहता है। बच्‍चे को 33 से.मी के स्‍मार्टफोन की बजाय 50 से.मी की स्‍क्रीन वाला लैपटॉप या टैबलेट दें।

​बार-बार पलकें झपकाना

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कई बार बच्‍चे आंखों को स्‍क्रीन पर गड़ाकर रखते हैं और पलकें झपकाना भूल जाते हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी आने, पलके झपकाने का पैटर्न खराब होने और आंखों को मसलने जैसी कुछ समस्‍याएं हो सकती हैं।

आंखे न झपकाने की वजह से आंखों का पानी सूख सकता है। इसलिए कंप्‍यूटर या स्‍क्रीन पर देखते समय बच्‍चों को बीच-बीच में पलकें झपकाना सिखाएं। इससे आंखों पर कम दबाव पड़ता है।


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