देवबंद: CAB के विरोध में नेतृत्वविहीन भीड़ ने हाईवे पर लगाया जाम, पढी नमाज
देवबंद। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में बुधवार को बड़ी संख्या में मदरसा छात्रों और नगरवासियों ने संयुक्त रुप से मार्च निकाला। खानकाह पुलिस चौकी पर पहुंचने के बाद नेतृत्वविहीन भीड़ सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर पहुंच गई और वहां जाम लगा दिया। इस दौरान छात्रों ने खेतों में पड़े फसलों के अवशेष उठाकर हाईवे के बीचो बीच रखकर उसमें आग लगाई साथ ही बिल की कॉपी फूंककर केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए बिल का विरोध किया। जाम लगने की सूचना पर एसएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी, पीएससी बल व कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया।
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में बुधवार की शाम बड़ी संख्या में मदरसा छात्र और नगरवासी सरसटा बाजार स्थित जामा मस्जिद पर एकत्र हुए। शाम करीब 4 बजकर 30 मिनट पर यहां से शुरु हुआ शांतिमार्च दारुल उलूम चौक से होते हुए खानकाह पुलिस चौकी पर पहुंचा। इस दौरान छात्रों ने हाथों में ली बिल की कॉपी को जगह जगह आग के हवाले किया। इस दौरान अचानक ही नेतृत्वविहीन भीड़ ने हाईवे की तरफ रुख कर दिया और मोहल्ला सराय मालियान स्थित राणा गैस एजेंसी के सामने पहुंचकर हाईवे पर जाम लगा दिया। वाहन आगे न बढ़े इसके लिए उन्होंने सडक़ पर पत्थर डालकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया।
हालांकि कहा जा रहा है कि भीड़ ने पथराव भी किया। जिसके बाद लोगों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और बिल की कॉपी को आग के हवाले किया। इतना ही नहीं भीड़ ने हाईवे पर नमाज भी अदा की। इस बीच जाम और हंगामे की सूचना मिलने पर एसएसपी दिनेश कुमार, एसडीएम राकेश कुमार, सीओ चौब सिंह, इंस्पेक्टर यज्ञदत्त शर्मा समेत कई थानों का फोर्स व पीएससी बल मौके पर पहुंच गया। उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं थे। देर शाम पूर्व विधायक माविया अली और मदरसों के जिम्मेदार मौके पर पहुंचे। जिन्होंने उत्तेजित भीड़ को समझाकर शांत किया। जिसके बाद करीब 6.30 बजे जाम खोला गया। प्रदर्शन और जाम के चलते हाईवे के दोनों और वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। जाम खुलने के बाद ही आवगमन सुचारु हो सका।
पथराव नहीं मार्ग अवरुद्ध करने को रखे गए पत्थर: सीओ
देवबंद। सीओ चौब सिंह का कहना है कि लोगों द्वारा जाम लगाया गया था। जिसके बाद मौके पर पहुंचकर उन्हें समझा कर जाम को खुलवा दिया गया। उन्होंने पथराव किए जाने से इंकार करते हुए कहा कि लोगों ने केवल वाहनों को रोकने के लिए सडक़ पर पत्थर रखे थे। जिन्हें बाद में हटवाकर यातायात सुचारु करा दिया गया।