Lalu Yadav News: लालू यादव की तबीयत बिगड़ी, खराब हुई किडनी; कभी भी हो सकती है डायलिसिस

Lalu Yadav News: लालू यादव की तबीयत बिगड़ी, खराब हुई किडनी; कभी भी हो सकती है डायलिसिस

रांची । चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की तबीयत ठीक नहीं है। उनकी किडनी 25 फीसद ही काम कर रही है। इसे किडनी के चौथे स्टेज में पहुंचना कहा जा रहा है। स्वास्थ्य में गिरावट इसी तरह जारी रही तो जल्द ही उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। चिकित्सकों के अनुसार पिछले 20 सालों से लालू शुगर के मरीज हैं। इस कारण किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पिछले कई महीनों से वह रिम्स में भर्ती हैं। जब लालू प्रसाद रिम्स आए थे तो उस समय उनकी किडनी 50 फीसद काम कर रही थी। उनका इलाज कर रहे रिम्स के डा. उमेश प्रसाद ने कहा कि हाल में जो जांच रिपोर्ट आई है, उसे देखने के बाद कहा जा सकता है कि उनकी किडनी 25 प्रतिशत काम कर रही है। ऐसे में उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। इस संबंध में रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेज दी गई है।

चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता, पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ गई है। रांची के रिम्‍स में लालू की देखरेख कर रहे डॉक्‍टरों की टीम के प्रमुख डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि उनकी किडनी की कार्यक्षमता बेहद कम हो गई है। उन्‍हें कभी भी डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्‍टर ने लालू की हालत चिंताजनक बताई है। उन्‍होंने इस बारे में रिम्‍स निदेशक को लिखित सूचना दी है। लालू के इलाज में जुटे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि उनकी हालत कभी भी बिगड़ सकती है। इस बारे में स्‍पष्‍ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालत चिंताजनक है।

बाहर भेजने की भी पड़ सकती है जरूरत

जिस प्रकार से लालू प्रसाद की किडनी फंक्शन कर रही है, उन्हें कभी भी डायलिसिस की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में उन्हें बाहर भेजने की भी जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि किडनी का इलाज करने वाले बेहतर नेफ्रोलाजिस्ट दिल्ली के एम्स में ही मिल पाएंगे। लंबे दिनों तक शुगर होने की वजह से भी धीरे-धीरे किडनी पर असर पड़ रहा है। शुगर को कम करने के लिए इंसुलिन दी जा रही है। इसके बावजूद किडनी के काम करने की दर में काफी गिरावट आई है। डा. प्रसाद ने कहा कि लालू के स्वास्थ्य की मानिटङ्क्षरग लगातार की जा रही है। लालू इस हालत में घर पर रहते तो शायद डायलिसिस की नौबत पहले ही आ जाती।

सुबोधकांत ने कहा, स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे बात

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुबोध कांत सहाय और बिहार के दो विधायक रिम्स पेइंग वार्ड पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटे तक की मुलाकात के बाद सुबोध कांत सहाय ने लालू प्रसाद से देश की राजनीति एवं उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की। मुलाकात कर बाहर निकले सुबोध कांत सहाय ने बताया कि लालू प्रसाद की तबीयत बहुत अच्छी नहीं है। उनके इलाज के संबंध में वह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भी बातचीत करेंगे ताकि  बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि बंगाल के चुनाव को लेकर भी लालू प्रसाद से चर्चा हुई।

बिहार के दो विधायकों ने की मुलाकात

सुबोधकांत के अलावा गया जिले के गुरुआ विधायक विनय यादव और नालंदा जिले के इस्लामपुर से बिहार विधानसभा सदस्य राकेश रोशन भी लालू से मिले। विधायक राकेश रोशन ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अपने सुप्रीमो लालू प्रसाद का आशीर्वाद लेने पहुंचा था। इस्लामपुर विधायक राकेश रोशन की पत्नी मंजू रोशन ने कहा कि लालू से मुलाकात के लिए सप्ताह में 2 दिन समय मिलना चाहिए। उन्हें लालू प्रसाद से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि काफी उम्मीद लेकर अपने पति के साथ यहां आई थी। नालंदा के बिहार शरीफ से पूर्व विधायक पप्पू खान भी रिम्स पहुंचे थे।

दुमका मामले में लटकी लालू की जमानत

इससे पहले शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए इसे छह सप्‍ताह की तारीख दे दी। यहां लालू के वकील देवर्षि मंडल ने कोर्ट से समय की मांग की थी। बीते दिन की सुनवाई के क्रम में कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्‍बल नहीं पहुंच पाए थे। इधर सीबीआइ ने कोर्ट में दाखिल किए गए अपने जवाब में कहा है कि लालू की हालत स्थिर है। वे रिम्‍स में भर्ती होने के बावजूद फोन से राजनीति कर रहे हैं। उन्‍हें फिर से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेजा जाना चाहिए।

इधर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की ओर से चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से बीते दिन रिम्‍स से बिहार के भाजपा विधायक को फोन कॉल करने के मामले में बिहार में दर्ज हुई एफआइआर का हवाला देते हुए कहा गया कि लालू की हालत स्थिर है। उन्‍हें जेल भेजा जाना चाहिए। लालू की ओर से सजा की आधी अवधि काटे जाने और गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई है।

सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए लालू की सजा अवधि पूरी नहीं होने के दस्‍तावेज दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर सजायाफ्ता की कुल सजा की आधी अविध पूरी हो जाने पर जमानत दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में लालू के वकील आधी सजा पूरी होने का दावा करते हुए बेल की मांग कर रहे हैं। हालांकि निचली अदालत से लालू को दी गई सजा की सर्टिफाइड कॉपी उच्‍च न्‍यायालय को अबतक नहीं मिल सकी है। ऐसे में जमानत याचिका पर छह हफ्ते बाद अब सुनवाई होगी।


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