श्मशान घाट में मनाते थे लालजी टंडन अपना जन्मदिन, जानिए उनके बर्थडे से जुड़ा कड़वा सच
भोपाल: देश दुनिया का शायद ही कोई शख्स ऐसा होगा जो जन्मदिन जैसी बड़ी खुशी को श्मशान घाट में मनाता हो लेकिन आपको यह जानकर हैरानी जरुर होगी कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन जिनका आज लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के मेंदाता में निधन हो गया वो अपना जन्मदिन श्मशान घाट में ही मनाते थे। इसके पीछे की कहानी भी दिल को छू लेने वाली है।
लालजी टंडन शुरु से ही शिवभक्त थे शायद इसी का असर था कि वैभवशाली जीवन जीने वाले टंडन ने अपना जन्मदिन मनाने का स्थान श्मशान चुना। उनका मानना था कि ‘व्यक्ति अपने प्रत्येक जन्मदिन के साथ अपनी मृत्यु के और निकट पहुंच जाता है। वे कहते थे कि मृत्यु हम सबके लिए वरणीय हो, इसके लिए जीवन को निष्काम भाव से जीना जरूरी है। मैं मानता हूं कि मृत्यु जीवन के विश्राम की अंतिम घड़ी नहीं बल्कि आगामी यात्रा की शुरुआत है। इसीलिए मैंने अपना जन्मदिन श्मशान में मनाने का फैसला किया।’
जन्मदिन से जुड़ी खट्टी मिट्ठी यादें
लालजी टंडन की जिंदगी का एक जन्मदिन उनके लिए कड़वी यादें छोड़ गया। दरअसल 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालजी टंडन के जन्मदिन पर महिलाओं को को साड़ियां देने का कार्यक्रम आयोजित किया। लेकिन इस दौरान वहां भगदड़ मच गई और कई महिलाओं की मृत्यु हो गई। इसके बाद लालजी टंडन काफी आहत हुए और उन्होंने अपने जन्मदिन पर समर्थकों को किसी भी तरह का समारोह करने पर प्रतिबंध लगा दिया।