लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागपुर रैली में बांटी गई ‘लाल किताब’ को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए आरोप लगाया है कि कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा दिखाई गई ‘लाल किताब’ संविधान की असली प्रति नहीं थी, बल्कि एक ‘नकली संविधान’ था जिसमें केवल कोरे पन्ने थे। नागपुर के सुरेश भट सभागार में आयोजित इस संविधान सम्मेलन में राहुल गांधी के ‘लाल किताब’ लहराने के बाद राजनीतिक विवाद ने जोर पकड़ लिया है।
राहुल गांधी संविधान का सम्मान नहीं करते: किरेन रिजिजू
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “राहुल गांधी संविधान का सम्मान नहीं करते, इसीलिए उनके हाथ में संविधान शोभा नहीं देता। संविधान की प्रति का कवर नीला होता है, जबकि राहुल गांधी लाल रंग की प्रति लेकर घूम रहे हैं।” उन्होंने कांग्रेस पर भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाबा साहब को पहले नेहरू सरकार ने कैबिनेट में शामिल नहीं किया, और जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो कांग्रेस ने उनके चुनाव हराने का भी प्रयास किया।
‘राहुल गांधी की रैली में अनास्था नजर आई’: देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरा और कहा, “राहुल गांधी संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते, बल्कि वह अर्बन नक्सल और अराजकतावादी ताकतों का समर्थन पाने के लिए इस तरह का नाटक कर रहे हैं।” फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी ने हर जगह संविधान और बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया है।
‘यह संविधान की कॉपी नहीं, बल्कि नोटपैड था’: कांग्रेस का स्पष्टीकरण
बीजेपी के इन आरोपों पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ‘लाल किताब’ वास्तव में एक नोटपैड था, न कि संविधान की असली प्रति। कांग्रेस के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष किशोर कन्हेरे ने कहा, “राहुल गांधी ने संविधान की प्रतियां नहीं, बल्कि नोटपैड वितरित किए थे, ताकि लोग वक्ताओं के भाषण सुनकर उस पर नोट्स लिख सकें। नोटपैड पर Constitution of India का शीर्षक लिखा था, जो संविधान सम्मेलन की थीम के अनुसार था।” उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के पास मुद्दों की कमी है, इसलिए वे गलत नेरेटिव सेट करने का प्रयास कर रहे हैं।
‘बीजेपी घबराई हुई है’: कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि संविधान के प्रति जनता का रुझान बढ़ रहा है, जिससे बीजेपी असहज महसूस कर रही है। कांग्रेस के अनुसार, जब से राहुल गांधी ने संविधान के मुद्दे को उठाया है, तब से बाजार में संविधान की प्रति गायब की जा रही हैं, जो कि एक साजिश के तहत किया जा रहा है।
इस विवाद ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है, जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों संविधान के मुद्दे को लेकर जनता के सामने अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं।