लखीमपुर। निघासन कांड को लेकर प्रशासन की संजीदगी लगातार तेजी पकड़ती जा रही है। इस मामले में शुक्रवार को सुबह ही परिवारी जन के खाते में एससी एसटी एक्ट के तहत मिलने वाली 8,25,000 की पहली किस्त भेज दी गई है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि यह धनराशि एससी एसटी एक्ट के तहत पीड़ित परिवार के खाते में भेजी जा चुकी है। बाकी धनराशि भी जल्दी ही स्थानांतरित की जाएगी। उधर मुख्यमंत्री कार्यालय से खबर मिली है कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी ताकि पीड़ित परिवार को जल्द इंसाफ मिल सके।
इसके साथ ही जल्द से जल्द दोषियों को सजा मिल सके। पता चला है कि एक माह के अंदर ही इस पूरे मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। साथ ही अदालत अपना फैसला भी सुनाएगी। इसके अलावा इस कार्रवाई से समाज में यह संदेश जाएगा कि इस तरह का अपराध करने वालों की क्या हालत होगी।
यह था मामला : निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में दो दिन पहले दो सगी बहनों को बहला-फुसलाकर साथ ले जाया गया। जहां दोनो के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इस वारदात में शामिल छह आरोपितों को कुछ घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया। जिसमें एक आरोपित को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पकड़ा जा सका। उसके पांव में गोली भी लगी है। इन सभी आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अब पुलिस इन पर और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की कर रही है।
पहले दुष्कर्म किया फिर उतारा था मौत के घाट : एसपी संजीव सुमन ने बताया कि अभियुक्त छोटू गौतम ने कुछ दिन पहले जुनैद, सुहेल व हफीजुर्रहमान का दोनों किशोरियों से परिचय करवाया था। बुधवार दोपहर में उक्त तीनों बाइक से किशोरियों के घर आए और उन्हें बहला कर अपने साथ ले गए। उन्हें खेत में ले जाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। जब किशोरियों ने शादी करने की जिद की तब उन्हें दुपट्टे से गल कसकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अपने साथी करीमुदद्दीन व आरिफ उर्फ छोटे को बुला लिया। फिर पांचों ने मिलकर किशोरियाें के शवों को पेड़ से लटका दिया।