Ladakh India China Border News: भारत की चीन के सामने शर्त, लद्दाख से हटाए सैनिकों का जमावड़ा- रिपोर्ट

- लद्दाख में बॉर्डर के पास तीन पॉइंट्स पर पीछे हुईं भारत-चीन की सेनाएं, तनाव घटा
- भारत सिर्फ इतने से संतुष्ट नहीं, चाहता है बॉर्डर के पास से पूरा इंतजाम हटाए चीन
- दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई दौर की बातचीत होगी, उसी में निकल सकता है हल
- पेंगोंग शो झील पर तनाव वैसे ही बरकरार, चीनी सैनिक यहां से नहीं हटे हैं पीछे
नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर के पास तीन जगहों से भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक थोड़ा पीछे किए हैं। भारत का साफ कहना है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव पूरी तरह से तभी खत्म होगा, जब चीन अपने सारे सैनिकों को साजोसामान समेत वापस बुला लेगा। चीन ने भारतीय इलाके के नजदीक आर्टिलरी और टैंक रेजिमेंट्स को तैनात किया हुआ है। बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हो रही है। इससे पहले, 6 जून को मिलिट्री कमांडर लेवल की मीटिंग के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटी हैं।
कहां-कहां पीछे हटी हैं सेनाएं
गलवान घाटी इलाका (पैट्रोलिंग पॉइंट 14 और 15)
हॉट स्प्रिंग्स (पैट्रोलिंग पॉइंट 17)
तीनों जगह से दोनों देशों की सेनाएं 2-2.5 किलोमीटर पीछे हटी हैं।
बॉर्डर पर जैसे को तैसा जवाब दे रहा भारत
न्यूज एजंसी ANI ने सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ‘पूर्व लद्दाख सेक्टर में डिसएंगेजमेंट शुरू हो गया है मगर हम चाहते हैं कि LAC सटे इलाकों में चीन ने जो एक डिविजिन से भी ज्यादा (10,000+) सैनिक तैनात कर रखे हैं, उन्हें हटाया जाए। डिसएंगेजमेंट ठीक है मगर तनाव तभी दूर होगा जब चीन अपना भारी-भरकम इंतजाम बॉर्डर से हटा ले।’ सूत्रों ने कहा कि चीन के जवाब भारत ने भी लद्दाख सेक्टर में 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके।
India China conflict: चीन के सामानों का बहिष्कार करें हिंदुस्तान के लोग, ये खुद टूट जाएगा- सोनम वांगचुकChina को मजबूर किया जाए कि वो सीमा पर 1962 की लाइन तक पीछे जाए (India – China Yudh) . इसके लिए जरूरी है कि भारत आर्थिक नाकेबंदी शुरू करे। Sonam Wangchuk इसी मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। India – China Border Talks का दूसरा चरण आज ही शुरू हो रहा है। वांगचुक कहते हैं कि पहली बार चीन दबाव महसूस कर रहा है। इसे बनाए रखने की जरूरत है। India – China Trade अभी हमारे पक्ष में नहीं है। भारत के बाजार में चीन के सामान छाए हुए हैं। हमें इनका बहिष्कार करना चाहिए।पहली बार चीन दबाव महसूस कर रहा है। इसे बनाए रखने की जरूरत है। India – China Trade अभी हमारे पक्ष में नहीं है। भारत के बाजार में चीन के सामान छाए हुए हैं। हमें इनका बहिष्कार करना चाहिए।
10 दिन चलेगी बातचीत, नतीजा आएगा?
चीनी सैनिकों ने 4 मार्च को इस तनाव की शुरुआत की थी। जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की लगभग एक पूरी बटालियन अपने पैट्रोलिंग पॉइंट से कहीं आगे चली आई थी। उनके साथ इन्फैंट्री कॉम्बैड व्हीकल्स और भारी गाड़ियां भी थीं। भारत इन पॉइंट्स को अगले 10 दिन होने वाली दोनों देशों की बातचीत में उठा सकता है। भारत और चीन के बीच बटालियन लेवल, ब्रिगेड लेवल और मेजर जनरल लेवल की बातचीत होनी है। बटालियन कमांडर लेवल पर डिसएंगेजमेंट पॉइंट्स पर बात हो सकती है।
पेंगोंग लेक पर फंसा है पेच
सीमा से सटे तीन पॉइंट्स से तो सेनाएं पीछे हट गई हैं। मगर पेंगोंग शो झील पर तनाव बरकरार है। यहां पर दोनों देशों की सेनाओं में मई की शुरुआत में संघर्ष हो चुका है जिसमें दोनों तरफ के कई जवान घायल हुए थे। झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के इलाके में चीनी सेना अब भी मौजूद है। चीन अपनी सीमा फिंगर 4 तक मानता है जबकि भारत के मुताबिक, चीन की सीमा फिंगर 8 पर खत्म हो जाती है। दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत में इस पॉइंट पर क्या फैसला होता है, यह देखने वाली बात होगी।