कोरोना ड्यूटी में जुटे डॉक्टरों की कहानी जानकर आंखों में आ जाएंगे आंसू, कहेंगे- ‘वाकई आप भगवान हैं’

कोरोना ड्यूटी में जुटे डॉक्टरों की कहानी जानकर आंखों में आ जाएंगे आंसू, कहेंगे- ‘वाकई आप भगवान हैं’

हाइलाइट्स

  • कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं
  • डॉक्टर अपने परिजनों का ख्याल किए बिना ही मरीजों के इलाज में लगे हैं
  • डॉक्टरों की ऐसी-ऐसी कहानियां है जो किसी को भी भावुक कर देंगी

इंदौर/जयपुर
पूरी दुनिया कोरोना (Coronavirus) संकट का सामना कर रही है। भारत भी इस संकट से खुद को बचाने कोशिश में जुटा है। देश के जो लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर अपनी जान पर खेलकर संक्रमित लोगों को इलाज कर रहे हैं। इस कठिन परिस्थिति में देश डॉक्टरों की जान भी जा चुकी है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में दो डॉक्टरों की मौत कोरोना (Coronavirus) वायरस के संक्रमण के चलते हो चुकी है। वहीं देश के कई अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना (Coronavirus) का संक्रमण हो चुका है। इन सबके बावजूद देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आई हैं कि जहां लोगों ने डॉक्टरों के साथ अभद्रता की है। ऐसे लोगों की आंखें खोलने के लिए हम विभिन्न अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे कुछ डॉक्टरों की कहानी लेकर आए हैं, जिन्हें जानकर शायद किसी का भी कलेजा पसीज जाए और जुबां से एक ही बात निकलेगी- ‘वाकई आप तो भगवान हैं’।

आइए जानते हैं कोरोना (Coronavirus) मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को कितनी मुश्किलें होती हैं। देश के लोगों की जान बचाने के एवज में उन्हें अपनी निजी जिंदगी की कितनी खुशियां कुर्बान करनी होती है।

डॉक्टर राजेश और उनकी पत्नी डॉक्टर रीना की कहानी
डॉक्टर राजेश मीणा और उनकी पत्नी डॉक्टर रीना मीणा इन दिनों कोरोना (Coronavirus) ड्यूटी पर हैं। राजेश जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल के शिशु रोग विभाग में कोरोना के संदिग्ध मामलों को देख रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी डॉक्टर रीना एसएमएस अस्पताल के प्रसूति विभाग में कोरोना (Coronavirus) संदिग्ध महिलाओं के उपचार में लगी हैं।

यह दंपती मूल रूप से करौली सपोटरा उपखंड की बपौती ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं। पति-पत्नी दोनों कोरोना (Coronavirus) ड्यूटी में हैं इसलिए एक शहर में होने के बावजूद 15 दिन से नहीं मिले हैं। इसके भावनात्मक पहलू पर जरा सोचिए ये लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी के कितने अहम पल कुर्बान कर रहे हैं।

भावुक कर देगा डॉक्टर कोपल अग्रवाल का दर्द
मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली डॉक्टर कोपल अग्रवाल इन दिनों पुणे के बीजेएम मेडिकल कॉलेज से एमडी कर रही हैं। इन दिनों इनकी ड्यूटी कोरोना (Coronavirus) वार्ड में लगी है। कोपल का कहना है कि जब वह कोरोना वार्ड में होती हैं तो ना पानी पी सकती हैं और ना टॉयलेट जा सकती हैं। प्रोटेक्टिव पर्सनल इक्विपमेंट (पीपीई) पहनकर वार्ड में जाना होता है। उन्होंने बताया कि पीपीई पहनने के बाद पानी तक नहीं पीया जा सकता है। जरा सोचिए इतना कष्ट तो किसी कैदी को भी नहीं दिया जाता है। लेकिन कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को यह कष्ट झेलना पड़ रहा है।

बेटी केक काटती रही, दूर से देखता रहा डॉक्टर पिता
जरा सोचिए, आप अपनी बेटी से चंद कदमों की दूरी पर हों, लेकिन आप उसे छू नहीं सकते, वह भी उसके जन्मदिन जैसे अहम मौके पर। किसी पिता के लिए यह कितना कष्टकारी पल है। कोरोना (Coronavirus) की वजह से ऐसा डॉक्टर पिता के साथ हो रहा है। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना (Coronavirus) मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर बलराम की बेटी का जन्मदिन गुरुवार को था। कोरोना (Coronavirus) ड्यूटी की वजह से वह इन दिनों होटल में रह रहे हैं। गुरुवार को 9 साल की बेटी की जिद पर वह घर गए, लेकिन वह उसके पास नहीं जा सके। बेटी केक काटती रही, डॉक्टर पिता दूर से ही देखकर खुश होता रहा।

लॉकडाउन तोड़ने वाले ‘कोरोना देवताओं’ की उतारी आरतीउत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में लॉकडाउन न मानने वालों को उत्तर प्रदेश पुलिस अनोखे ढंग से शर्मिंदा कर रही है। हसनपुर में ऐसे लोगों की पुलिस ने आरती उतारी। उन्हें कोरोना देवता की उपाधि दी और हाथ में ‘मैं शर्मिंदा हूं’ की तख्ती देकर तस्वीर भी खींची गई। पुलिस ने ऐसे लोगों के लिए स्पेशल आरती ‘ओम जय कोरोना देवता’ भी बनाई है।

बच्चे जयपुर में पिता वाराणसी में
जयपुर के शाहपुरा के रहने वाले नर्सिंग स्टॉफ बृजेश यादव उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ड्यूटी कर रहे हैं। बृजेश की ड्यूटी कोरोना वार्ड में है। उनकी छह माह की बेटी और 4 साल का बेटा जयपुर में है। वे चाहकर भी बच्चों से मिलने नहीं आ पा रहे हैं। वीडियो कॉल पर बात करके वह अपने बच्चों को समझा रहे हैं।

ऐसे ही कई डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की कहानी है, जो देश के अलग-अलग अस्पतालों में कोरोना (Coronavirus) मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं। ये डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ बिल्कुल फौजी की भांति घर-परिवार को नजरअंदाज कर ड्यूटी कर रहे हैं। देश के लोगों को बचाने के मिशन में उन्हें अपनों का भी ख्याल रखने का वक्त नहीं मिल रहा है। डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ जिस दर्जे का त्याग कर रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि वाकई ये लोग भगवान हैं।