चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का जानें महत्व और पढ़ें ये मंत्र, हर बाधा हो जाएगी खत्म

- आज 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) की शुरुआत हो रही है. आज का दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है. तो, चलिए आज आपको मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व (Maa Shailputri Puja Importance and Mantra) और मंत्रों के बारे में बताते है.
नई दिल्ली: आज 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) की शुरुआत हो रही है. आज से 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों (maa durga swaroop puja) की पूजा की जाएगी. जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा शामिल है. चैत्र नवरात्रि का पहले दिन मां शैलपुत्री (maa shailputri) को समर्पित होता है. आज के दिन मां शलैपुत्री की पूजा को विधि-विधान से करने का दिन है. तो, चलिए आज आपको मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व (chaitra navratri 2022 1st day) और मंत्रों के बारे में बताते है.
मां शैलपुत्री पूजा का महत्व
पुराणों के अनुसार मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना करने से अच्छी सेहत और मान-सम्मान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा कुंवारी कन्याओं की शादी में आ रही बाधाएं भी खत्म हो जाती हैं. माता शैलपुत्री को सफेद पुष्प बेहद प्रिय है. इसलिए, इनकी पूजा में सफेद फूल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इसके अलावा इनकी पूजा में सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए. सफेद बर्फी या दूध से बनी शुद्ध मिठाइयों का भी भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा माता को सफेद वस्त्र अर्पित करना लाभकारी (maa shailputri puja importance) होगा.
मां शैलपुत्री की पूजा के बाद इन मंत्रों (maa shailputri mantra) का उच्चारण करना चाहिए.
शैलपुत्री पूजा मंत्र (maa shaliputri beej mantra)
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी
रत्नयुक्त कल्याणकारिणी
ओम् ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
बीज मंत्र- ह्रीं शिवायै नम:
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्