जाने इतिहास: बेगू सिंह ने बसाया था नकुड़ तहसील का गाँव बाधी

जाने इतिहास: बेगू सिंह ने बसाया था नकुड़ तहसील का गाँव बाधी
गाँव में स्थित प्राचीन प्यारे जी का मंदिर

जनपद सहारनपुर के नकुड़ थाना क्षेत्र में स्थित बाधी गांव का एक समृद्ध पौराणिक इतिहास है। गांव में आज भी हजारों साल पुराना एक विशाल बरगद का पेड़ जिसका संबंध गाँव के इतिहास से है। गाँव में एक प्राचीन प्यारे जी का मंदिर भी मौजूद है।

प्यारे जी मंदिर के शिलापट पर संस्कृत में संवत अंकित है, जो इसकी प्राचीनता का प्रमाण है। इस मंदिर के बारे में एक विशेष मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की आंखों में कोई समस्या हो, तो मंदिर के पुजारी द्वारा दी गई एक पोटली से वह ठीक हो जाती है।

शिलालेख
शिलालेख व प्राचीन बरगद का पेड़

बाधी गांव से रोशनपुर, डल्लेवाला, कांसेपुर और शुक्रताल सहित पांच अन्य गांव भी जुड़े हुए हैं। इन गांवों में कोई भी मांगलिक कार्य होने पर इस मंदिर में भोग चढ़ाने की परंपरा आज भी कायम है।

गांव में लगभग 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी कई हवेलियां भी हैं, जो आज भी मजबूती से खड़ी हैं और अपने गौरवशाली अतीत की कहानी बयां करती हैं।

गांव के निवासी जगदेव सिंह ने बताया कि उनका “मडान खाप” उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें प्रत्येक राज्य में 12-12 गांव शामिल हैं।

मडान खाप के चौधरी बलवीर सिंह हैं। जगदेव सिंह के अनुसार, बरगद का पेड़ भी उसी समय का है जब उनके पूर्वज बेगू सिंह राजस्थान से आकर यहां बसे थे। उनके परिवार के लोग आज भी राजस्थान में रहते हैं।

ग्रामीण

मास्टर प्रवीण शर्मा ने बताया कि इस गांव में पौराणिक काल से ही सभी लोग मिलजुल कर रहते आए हैं, यहां कभी जातिवाद की भावना नहीं रही। उन्होंने यह भी बताया कि गांव के युवा आज भी सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान में, बाधी गांव की जनसंख्या लगभग 2000 के करीब है।


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