नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन को रह-रहकर धार देते रहते हैं जिससे किसान इस आंदोलन से अलग थलग न होने पाएं। किसान बाहुल्य इलाकों में पंचायत कर उनको जोड़े रखने के लिए तमाम तरह के काम किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले मेरठ, और शामली में हुई पंचायत में किसानों को आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए उनका उत्साहवर्धन किया गया। अब किसान यूनियन का अगला टारगेट मुजफ्फरनगर में की जाने वाली महापंचायत है।

ट्वीट कर रहा यह किसानों का धर्मयुद्ध
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि अगले माह यानि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में आयोजित पंचायत किसान महापंचायत नहीं, बल्कि किसानों का धर्म युद्ध है। उन्होंने कहा कि किसान नौ माह से अपनी तीन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इससे पहले मुजफ्फरनगर के सरनावली गांव में हुई पंचायत में उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन की बुराई और गलत ठहराने वाला व्यक्ति किसान कहलाने का हकदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान आपसी मनमुटाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हमें गिले शिकवे भुलाकर आगामी पांच सितंबर की महापंचायत को सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि गठवाला खाप व जिम्मेदारों का सम्मान करते हैं।

पांच सितबंर को महापंचायत को सफल बनाने की अपील

इससे पहले मेरठ के शामली क्षेत्र के गांव लांक में किसानों की पंचायत हुई थी। इसमें किसान संयुक्त मोर्चा की आगामी 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को सफल बनाने को लेकर रणनीति बनाई गई। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हमें मिलकर आगामी पांच सितंबर की महापंचायत को सफल बनाना है। गांव खरड़ में हुई पंचायत में बाबा राजेंद्र सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि हम उन पर भरोसा और सम्मान करते है। इतना भरोसा कि कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर दे सकते हैं।

लगाया पूरा जोर

पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन ने पूरा जोर लगा दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटे हैं। भोजपुर में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के किसानों का मामला हो या फिर किसानों की अन्य कोई समस्या। राकेश टिकैत हर जगह जाकर कृषि कानूनों को वापस लेने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। मेरठ मंडल के प्रभारी ओमपाल मलिक भी लगातार भाकियू कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के संपर्क में हैं। वह गांव-गांव जाकर किसानों से कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन मांग रहे हैं।

इस आंदोलन के बाद नहीं होगा कोई आंदोलन

महापंचायत किसानों के भविष्य की बात है। किसान आज बारूद के ढेर पर बैठा है। इसलिए मनमुटाव, भेदभाव भुलाकर एकजुट होकर पंचायत को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन चल रहा है। यह सफल न हुआ तो फिर कोई आंदोलन नहीं होने वाला है।