शीश के दानी हैं खाटूश्याम: कालेंद्रानंद

- सहारनपुर में खाटूश्याम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में झूमते श्रद्धालु।
सहारनपुर। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि खाटूश्याम शीश के दानी हैं और कलयुग में महावरदानी हैं। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज यहां राधा विहार स्थित खाटूश्याम मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वावधान में आयोजित खाटूश्याम छवि शीश स्थापना कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने खाटूश्याम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाभारत ने बरकरीब ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना शीश हर्ष के साथ बलिदान किया। जबकि उनके एक बाण में ही इतनी शक्ति थी कि पूरे महाभारत को क्षण भर में समाप्त कर सकते थे परंतु उन्होंने योगेश्वर श्रीकृष्ण के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पण कर बलिदान किया, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि मेरी समस्त शक्तियां तुममें ही वास करेंगी और आने वाले कलयुग में तुम श्याम नाम से विख्यात होकर धर्म रक्षक देव के रूप में पूजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीव को परमात्मा के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पण कर परमात्मा को हर कार्य में शामिल करके काम करना चाहिए तभी वह कार्य पूर्णरूप से सफल व पूर्ण होता है।
उन्होंने कहा कि जो धर्म की वेदी पर अपने जीवन का बलिदान कर देता है, वही जीवन अमरकथा, देवकथा एवं दिव्य चरित्र बन जाता है जिसका आने वाले युगों में निरंतर अनुसरण करके अपने जीवन के लिए उसे आदर्श बनाते हैं अर्थात प्रत्येक व्यक्ति को मन, कर्म, वचन से परमात्मा के निमित्त ही जीवन यापन करना चाहिए। यही जीवन का साक्षात् मोक्ष और मुक्ति है और यही परम सत्य है। इससे पूर्व खाटूश्याम की महाआरती की गई तथा भोग अर्पण कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
इस दौरान अरूण स्वामी, मेहर चंद जैन, ज्ञानेंद्र पुंडीर, राजेंद्र, भूपेंद्र सिंह, अश्विनी काम्बोज, अनिल काम्बोज, मुकेश काम्बोज, नरेश त्यागी, रमेश शर्मा, नरेश चंदेल, रोहित बजाज, विकास वर्मा, सुनील कश्यप, वर्षा, राजबाला, किरण, बबली, बबीता, ललतेश, सुनीता, सुखविंद्र, गीता, विभा, संगीता, दीपा, इंद्रा, प्रभा आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।