स्कूलो मे लगे खटारा वाहन कर रहे है बच्चो के जीवन से खिलवाड

स्कूलो मे लगे खटारा वाहन कर रहे है बच्चो के जीवन से खिलवाड
बच्चो को ढोती खटारा हाल मिनी बस, फयूल टैंक का ढक्कन भी गायब

नकुड [इंद्रेश]। क्षेत्र मे विभिन्न स्कूलो मे लगे वाहन मासूम बच्चो के जीवन से खुल्लम खुल्ला खिलवाडकर रहे है। अधिकारी न इन वाहनो की फिटनैस पर ध्यान देते है ओर न ही स्कूलो के संचालको को बच्चो के जीवन की परवाह है।

क्षेत्र के एक नामी स्कूल की मिनी बस की हालत देखकर तो ऐसा ही लगता है कि स्कूलों मे लगे वाहनो की अधिकारियो का कोई ध्यान नंही है। जब कोई हादसा हो जाता है तो एक दो दिन की हाय तौबा के बाद मामले की लीपापोती शुरू हो जाती है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि जो अभिभावक इन वाहनो मे अपने कलेजे के टुकडो को स्कूल भेजते है वे भी इन खटारा वाहनो की ओर ध्यान नंही देते।
शनिवार को दुपहर एक नामी स्कूल की मिनी बस के फयूल टेंक पर ढक्कन तक गायब था। डराईवर ने फयूल टेंक के ढक्कन की जगह पोलीथील ठूंसकर टेंक के मूह को बंद कर रखा था। गौरतलब है कि तहसील मुख्यालय पर स्थानीय निकाय चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। जिसके कारण जिले भर कई अधिकारी तहसील मुख्यालय पर है। पंरतु इसके बावजूद किसी की नजर इस वाहन पर नंही पडी।

खटारा स्कूल गाडियो की जांच हो फिटनेस देने वाले अधिकारियो पर भी हो कार्रवाई
तहसील मे अधिवक्ता के रूप मे काम करने वाले रिंकू तौमर ने कहा इन वाहनो की जांच होनी चाहिए साथ ही ऐसे वाहनो को फिटनैस देने वाले अधिकारियो पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। साल्हापुर निवासी बिजेंद्र चैधरी ने कहा कि ये खटारा गाडिंयो बच्चो के लिये लगाई गयी है। जिम्मेदार स्कूल की मान्यता रदद होनी चाहिए। अभिभावको भी अपने बच्चो की सुरक्षा के लिये इन पर नजर रखनी चाहिए।

स्कूल ने कहा
उधर संबधित विद्यालय से इस विषय मे पूछा गया तो कहा गया कि कौन सी गाडी का ढक्कन गिरा है हम इसे चैक करायेगे। उन्होने माना कि किसी हादसे की स्थिति मे जिम्मेदारी स्कूल की भी बनती है।