बेंगलुरु। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। खरगे ने कालबुर्गी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा और इसी बीच उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी भी की।
खरगे ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी… की तरह हैं, आप सोच सकते हैं कि यह जहर है या नहीं? यदि आप इसे (जहर) खाएंगे, तो आप मर जाएंगे।”
”कांग्रेस खो रही अपनी जमीन”
प्रधानमंत्री मोदी पर बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने खरगे पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हताशा से पता चल रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक में अपनी जमीन खो रही है।
Now Congress Presidnet Kharge calls Prime Minister Modi ‘poisonous snake’…
What started with Sonia Gandhi’s ‘maut ka saudagar’, and we know how it ended, the Congress continues to plummet to new depths.
The desperation shows Congress is losing ground in Karnataka and knows it. pic.twitter.com/75FECizSOW
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस अध्यक्ष के आपत्तिजनक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के ‘मौत का सौदागर’ से जो शुरू हुआ और उसका अंत कैसे हुआ यह हम जानते हैं। उन्होंने कहा कि हताशा से पता चलता है कि कांग्रेस कर्नाटक में अपनी जमीन खो रही है और इसे वह जानती है।
खरगे पर अनुराग ठाकुर भी बरसे
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी खरगे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी अध्यक्ष बनाया, लेकिन कोई उन्हें ऐसा नहीं मानता। पोस्टर और बैनर अभी भी गांधी परिवार के ही लगते हैं।इसलिए खरगे को लगता है कि ऐसा क्या आपत्तिजनक बयान दूं कि सोनिया गांधी द्वारा दिए गए बयान से भद्दा हो।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को शर्म आनी चाहिए और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। देश की जनता ने एक बार नहीं बल्कि दो बार पूर्ण बहुमत से नरेन्द्र मोदी को चुना है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक के बाद एक चुनाव आप (कांग्रेस) हार रहे हैं। आपके नेता विदेशों में जाकर विदेशी ताकतों के साथ मिलकर षड़यंत्र रचते हैं और उनसे मदद मांगते हैं और फिर आप देश के सबसे लोकप्रिय नेता को अपमानित करने का काम कर रहे हैं।
”सत्ता के लिए तड़प रही कांग्रेस”
उन्होंने कहा कि चुनाव नहीं जीत सकते तो कम से कम अभद्र भाषा का प्रयोग करना बंद करें। शायद कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई जैसे बिन पानी की मछली। वो सत्ता के लिए तड़प रहे हैं। तभी तो ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।