साहित्यिक व सामाजिक संस्था चेतना के बैनर तले होली पर्व पर हुआ कवि सम्मेलन

साहित्यिक व सामाजिक संस्था चेतना के बैनर तले होली पर्व पर हुआ कवि सम्मेलन

देवबंद [24CN] : साहित्यिक व सामाजिक संस्था चेतना के बैनर तले होली पर्व के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने देर रात्रि तक काव्य पाठ कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।

मंगलवार की रात्रि हाईवे स्थित एक होटल में आयोजित कवि सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व सभासद अय्यूब बेग ने फीता काटकर किया। जबिक दीप प्रज्जवलित जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन चै. राजपाल सिंह व सरस्वती के चित्र व माल्यार्पण विपिन भारतीय ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ राधिका मित्तल की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम में कानपुर से आईं कवियत्री पल्लवी त्रिपाठी ने सुनाया बसंती मौसम हुआ बगियान औऱ सुहाय, सांसों में फागुन घुसे मन होली हो जाए।

योगेंद्र सुन्दीलाल ने पढ़ा..एक बात सुनो ऐ जग वालों हर चीज से अपनी यारी है, हम बीते दौर के आशिक हैं कुछ बात हमारी न्यारी है। विनय प्रताप रुड़कवी ने कहा..जीवन की जलती मशाल दे गया, अब प्यार विश्वास की मिसाल दे गया।

राधिका मित्तल ने पढ़ा..जरा सी बात पर हमसे खफा होना नहीं अच्छा, जो बरसों की मोहब्बत है उसे खोना नहीं अच्छा। दिल्ली की प्रीति अग्रवाल ने कुछ यूं पढ़ा..फिजाओं में रंग मस्तियां भर के लाई, बहकती सी पी के मगन होली आई।

डा. दिवाकर गर्ग ने कुछ यूं कहा..सर पे सेहरा खुद पर जड़ा था एक दिन, कूदकर घोड़ी चढ़ा था एक दिन सुनाकर देर रात्रि तक श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।

इनके अलावा डा. प्रमोद शर्मा, बलराज मलिकप्रेमप्रदीप मायूस, इरफान इलाहबादी, झांई देवबंदी, रजनीश त्यागी, प्रहलाद सिंह ने भी काव्य पाठ किया। अध्यक्षता राजकिशोर गुप्ता व संचालन पल्लवी त्रिपाठी ने किया। इसमें चै. ओमपाल सिंह, मनोज बंसल, गौरव विवेक, उमेश सैनी, मास्टर हनीफ, पवन धीमान, राकेश गांगुली, डा. बीपी सिंह, तेज कुमार, कुणाल धीमान आदि मौजूद रहे। अंत में कार्यक्रम संयोजक संजय विवेक व अरविंद ने सभी का आभार जताया