रायपुर । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला का सोमवार देर रात निधन हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण वे रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती थीं। यहीं देर रात 12.40 बजे उनका निधन हुआ।
करुणा शुक्ला का आज बलौदाबाजार में होगा अंतिम संस्कार
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को बलौदाबाजार में किया जाएगा। करुणा शुक्ला वर्तमान में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं। इससे पहले वह लोकसभा सांसद भी थीं। वह भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित तमाम बड़े पदों पर रहीं।
2013 में करुणा शुक्ला भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं
2013 में कांग्रेस में शामिल हुईं करुणा शुक्ला टिकट न मिलने के कारण नाराज होकर वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं।
रमन के खिलाफ लड़ा था चुनाव
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने करुणा शुक्ला को राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया था।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
-पहली बार 1993 में बीजेपी विधायक चुनी गई थीं।
-बीजेपी उम्मीदवार के रूप में 2009 में कांग्रेस के चरणदास महंत से लोकसभा चुनाव हार गई थीं।
ग्वालियर में हुआ था जन्म
एक अगस्त 1950 को ग्वालियर में करुणा शुक्ला का जन्म हुआ था। भोपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद करुणा ने राजनीति में कदम रखा था। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा में रहते हुए बेस्ट विधायक का खिताब भी मिला था। वह 1982 से 2014 तक भाजपा में रहीं। करुणा शुक्ला 2013 में कांग्रेस में शामिल हो गई।
मुख्यमंत्री बघेल ने मार्मिक संदेश के साथ दी श्रद्धांजलि
करुणा शुक्ला के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया- मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया। राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे। उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति प्रदान करें।