कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, 43 संगीन मामलों को करेगी रद्द, AIMIM नेता से भी है जुड़ा

कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, 43 संगीन मामलों को करेगी रद्द, AIMIM नेता से भी है जुड़ा

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य में 43 आपराधिक मामलों को वापस लेने का अहम फैसला किया है। यह निर्णय गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने बैठक के बाद बताया कि यह फैसला एक उप-समिति द्वारा समीक्षा के बाद लिया गया है। समिति ने कुल 60 मामलों की जांच की, जिनमें से 43 को वापस लेने की सिफारिश की गई थी। इन मामलों में कुछ किसान नेताओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले भी शामिल हैं।

हुबली पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ से जुड़ा मामला

इन मामलों में एक बड़ा मामला 16 अप्रैल 2022 को हुबली पुलिस स्टेशन में हुई हिंसा से संबंधित है, जिसमें AIMIM के स्थानीय नेता मोहम्मद आरिफ भी आरोपी हैं। इस घटना में मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए थे और जबरदस्त हंगामा किया था। हिंसा के दौरान पुलिस स्टेशन, वाहनों और आसपास की दुकानों में तोड़फोड़ की गई थी, जिसमें 4 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

AIMIM नेता आरिफ और अन्य 138 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अब कांग्रेस सरकार ने इस मामले को रद्द करने का निर्णय लिया है।

हिंसा की वजह

16 अप्रैल 2022 की इस घटना की जड़ सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट थी, जिसे लेकर पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया था। युवक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन के बाहर मुस्लिम समुदाय की भीड़ जमा हो गई और आरोपी को सौंपने की मांग करने लगी। भीड़ की इस मांग को न मानने पर हिंसा भड़क उठी थी।

पुलिस और कानून विभाग की आपत्ति

इस फैसले पर कानून विभाग, पुलिस विभाग और अभियोजन विभाग ने आपत्ति जताई थी। लेकिन, सरकार ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए मामले वापस लेने का निर्णय लिया।

गौरतलब है कि 2023 में सत्ता परिवर्तन के बाद हुबली के अंजुमन ए इस्लाम के बैनर तले इस मामले को रद्द करने की अपील की गई थी। अंजुमन ने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस केस को वापस लेने का अनुरोध किया था।


विडियों समाचार