कमलेश मर्डर: ‘पैसों की किल्लत’ ने अशफाक और मोइनुद्दीन को पहुंचाया सलाखों के पीछे

कमलेश मर्डर: ‘पैसों की किल्लत’ ने अशफाक और मोइनुद्दीन को पहुंचाया सलाखों के पीछे
हाइलाइट्स
  • कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी गुजरात एटीएस ने किए गिरफ्तार
  • पैसों के लिए परिवारवालों से किया था संपर्क, सर्विलांस टीम कर रही थी निगरानी
  • आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन अपने साथ जितनी रकम लेकर गए थे, वह खत्म हो चुकी थी
  • अशफाक और मोइनुद्दीन सूरत के रहने वाले हैं, अशफाक एमआर तो मोइन है फूड डिलिवरी बॉय

लखनऊ
लखनऊ के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपियों को आखिरकार पकड़ लिया गया है। गुजरात एटीएस ने दोनों मुख्य आरोपियों को राजस्थान बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया। सुबह अहमदाबाद की पहली फ्लाइट से आरोपियों को लखनऊ लाया जाएगा। इसके लिए लखनऊ पुलिस की 4 सदस्यीय टीम अहमदाबाद जाएगी। टीम में इंस्पेक्टर नाका सुजीत दुबे, सीओ (क्राइम) दीपक सिंह भी शामिल हैं।

यूपी पुलिस के लिए बड़ी परेशानी का सबब बने हत्याकांड के साजिशकर्ताओं को पकड़ना आसान नहीं था। घटना के बाद यूपी पुलिस ने कई राज्यों की पुलिस से सम्पर्क साधा और कई जगह दबिश दी। इसके बाद मुख्य आरोपी अशफाक और मोनुद्दीन को राजस्थान गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। दरअसल, आरोपियों को जब पैसे की किल्लत होने लगी तो उन्होंने अपने परिचितों से सम्पर्क करना शुरू किया। इस वजह से ये आरोपी गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़ गए।

गुजरात एटीएस के मुताबिक, हत्या के आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन अपने साथ जितनी रकम लेकर गए थे, वह धीरे-धीरे खत्म हो चुकी थी। उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस से इनपुट्स मिलने के बाद एटीएस गुजरात के निर्देश पर टेक्निकल सर्विलांस टीम और कुछ पुलिसकर्मी भी इन दोनों आरोपियों के करीबियों और परिवारवालों पर खुफिया नजर रख रहे थे। सर्विलांस के जरिए एकदम सटीक जानकारी मिलते ही गुजरात एटीएस की टीम ने शामलाजी के नजदीक गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से अशफाक और मोइनुद्दीन को धर दबोचा।

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शिकंजे में आए मुख्य आरोप
“गुजरात एटीएस को इस बात की सूचना मिली थी कि अशफाक और मोइनुद्दीन पठान गुजरात में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर हमारी टीम बॉर्डर पर पहुंची और दोनों को पकड़ लिया।”-हिमांशु शुक्ला, डीआईजी, गुजरात एटीएस

सरेंडर के लिए वकील को किया था फोन !
इससे पहले लखनऊ के ठाकुरगंज निवासी एक वकील को सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे कॉल आई। सूत्रों के अनुसार फोन करने वालों ने खुद का परिचय कमलेश हत्याकांड के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन के रूप में देते हुए कोर्ट में सरेंडर करने की इच्छा जताई। वकील ने थोड़ा समय मांगा था। वकील से आरोपियों के संपर्क करने की जानकारी होते ही पुलिस अलर्ट हो गई।

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कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपी अरेस्ट

लखीमपुर खीरी से आया था कॉल
सर्विलांस सेल की छानबीन में कॉल लखीमपुर खीरी के पलिया इलाके से आने की पुष्टि हुई। नंबर एक टैक्सी चालक का बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार टैक्सी चालक का भी पता चल गया है। हालांकि उसका फोन बंद होने के कारण टीम उसकी तलाश में पलिया रवाना कर दी गई। उधर, हत्या आरोपियों के सरेंडर करने की भनक लगने पर पुलिस और एलआईयू की टीमें सोमवार को कोर्ट परिसर के आसपास जमी रहीं। सुबह से देर शाम तक टीमें नजर रखे हुए थीं।

 

 


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