अशरफ गनी पर बोले जो बाइडेन, कहा- देश को संकट में छोड़कर भागे

अशरफ गनी पर बोले जो बाइडेन, कहा- देश को संकट में छोड़कर भागे
  • अफगानिस्तान में जो संकट चल रहा है, उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आज यानि मंगलवार को बड़ी बात कह दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने देश को संकट में छोड़कर भाग गए हैं.

वाशिंगटन: अफगानिस्तान में जो संकट चल रहा है, उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आज यानि मंगलवार को बड़ी बात कह दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) ने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने देश को संकट में छोड़कर भाग गए हैं. उन्होंने कहा कि इस संकटकाल में अशरफ गनी को देश को छोड़कर नहीं भागना था. अशरफ गनी अपने देश को छोड़कर क्यों भाग गए, उनसे ये सवाल पूछा जाना चाहिए. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी इस बात से बच नहीं सकते, इसका जवाब उन्हें देना ही होगा.

अफगानी नेताओं को ठहराया जिम्मेदार

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान संकट के लिए अफगानी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अफगानी नेता देश और आम जनता के हित के लिए भी एकजुटता नहीं दिखा पाए और संकटकाल में भी एक-दूसरे के साथ खड़े होने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि अफगानी नेता देश के भविष्य के लिए भी समझौता नहीं कर पाए. यही वजह है कि तालिबान अपने मकसद में कामयाब रहा और वहां के राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा.

अफगानिस्तान में मारे गए कई अमेरिकी सैनिक- बाइडेन

अफगानिस्तान से सेना हटाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मेरी जगह कोई और भी अमेरिका का राष्ट्रपति होता, तो वह भी यही करता. इसके पीछे की वजह ये है कि अमेरिकी सेना के कई सिपाही अफगानिस्तान की जंग में शहीद हो गए और मैं अमेरिकी परिवारों के इस दुख को और ज्यादा नहीं बढ़ा सकता. क्योंकि मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं और अमेरिकी जनता की ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी मेरी ही है.

अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर बताया था देश छोड़ने का कारण

कुछ ही दिनों पहले इस बारे में बात करते हुए अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर कहा था कि अपने देश अफगानिस्तान को खून-खराबे से बचाने के लिए ही उन्होंने देश को छोड़ा है. रविवार को अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद गनी ने पहली बार कोई टिप्पणी की है. इसमें उन्होंने कहा, ”मेरे पास दो रास्ते थे, पहला तो राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे सशस्त्र तालिबान का सामना करूं या अपने प्रिय देश को छोड़ दूं जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपने जीवन के 20 साल समर्पित कर दिए.”

गनी ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ”यदि असंख्य देशवासी शहीद हो जाएं, अगर वे तबाही का मंजर देखते और काबुल का विनाश देखते तो 60 लाख की आबादी वाले इस शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती थी. तालिबान मे मुझे हटाने के लिए यह सब किया है और वे पूरे काबुल और काबुल की जनता पर हमला करने आए हैं. रक्तपात होने से रोकने के लिए मुझे बाहर निकलना ठीक लगा.”


विडियों समाचार