
नौकरी पोता-पोती को मिलेगी? बकवास है 2047 का विजन.. शिवपाल यादव का योगी सरकार पर तीखा हमला, डिप्टी CM ने दिया मुहंतोड़ जवाब

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को यूपी के विज़न डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा के दौरान सियासी पारा उस समय चरम पर पहुंच गया जब, शिवपाल यादव ने बोलना शुरू किया. सपा के कद्दावर नेता और विधायक शिवपाल यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला, 2047 के विजन डॉक्यूमेंट को काल्पनिक और बकवास करार देते हुए मौजूदा समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. जिसके जवाब में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने करारा जवाब देते हुए कहा कि 2017 से पहले विधानसभा के बाहर हथियारों से लैस माफिया बैठे रहते थे.
शिवपाल यादव ने विधानसभा में कहा कि बीजेपी सरकार 2047 का काल्पनिक विजन लेकर आई है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अरे भाई, आज की भूख का हल नहीं और कल के सपनों का सौदागर बनकर घूम रहे हैं.” यादव ने 2022 के वादों को याद दिलाते हुए सवाल उठाया कि क्या हर बेरोजगार को रोजगार मिल गया? क्या किसानों को पर्याप्त एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिल रहा है? उन्होंने कहा, “2047 का सपना छोड़िए, 2025 तक का हिसाब दीजिए.”
मौजूदा समस्याओं पर सवाल
शिवपाल ने सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए कई मुद्दों पर सवाल दागे. उन्होंने कहा कि आज 2025 में 1990 की याद आ रही है, जब बिजली की किल्लत थी. हर जिले में मेडिकल कॉलेज कहां है? महिलाओं की सुरक्षा की बात करने वाली सरकार NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट का क्या जवाब देगी? बलरामपुर में नाबालिग के साथ हुई घटना पर चुप्पी क्यों? उन्होंने गड्ढा मुक्त सड़कों के वादे को भी खोखला बताते हुए कहा, “सड़क ही गड्ढों में हैं. विधानसभा के 5 किलोमीटर के दायरे की सड़कों की हालत जांच लें.”
शिवपाल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी करेंगे, मगर 2025 में किसान आधे दाम पर फसल बेच रहा है और 2047 में खुशहाली का सपना दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज की भूख का हल नहीं और कल के सपनों का सौदागर बन रहे हैं. इसके जवाब में ब्रजेश पाठक ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सपा के कार्यकाल में अपराधियों का बोलबाला कैसा था कौन नहीं जानता. बदमाश खुलेआम घूमते थे और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई थी. इनके राज में एक सफ्ताह बिजली दिन में और एक सफ्ताह रात में आती थी. बिजली आपूर्ति भी बदहाल थी. उस समय सिर्फ पांच जिलों में ही नियमित बिजली आती थी, बाकी प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था.
