JNU Name Change Controversy: ABVP ने दिया बड़ा बयान, जेएनयू का नाम बदलने की मांग पर शिक्षक संघ ने भी कहा ‘NO’

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण के चंद दिनों बाद ही विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग उठी है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के महासचिव सीटी रवि ने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विवि कर दिया जाए। हाल ही में गोवा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के प्रभारी बनाए गए भाजपा के महासचिव ने सोमवार को ट्वीट किया कि स्वामी विवेकानंद भारत की विचारधारा के लिए खड़े हुए थे। उनके दर्शन और मूल्य भारत की ताकत को दर्शाते हैं। यह सही है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाए। भारत के देशभक्त संत का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
छात्रों व शिक्षकों को एतराज
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने की मांग को जेएनयू शिक्षक संघ ने सिरे से खारिज कर दिया। जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष मिलाप चंद्र शर्मा ने कहा कि नाम बदलने से चरित्र नहीं बदला जा सकता है। स्वामी विवेकानंद का सभी सम्मान करते हैं।
विवेकानंद के नाम पर बने दूसरा विश्वविद्यालय
बेहतर होगा कि जेएनयू का नाम बदलने के बजाय देशभर में स्वामी विवेकानंद के नाम पर नए विश्वविद्यालय बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि जेएनयू का नाम देश के पहले प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने आजादी के लिए संघर्ष के साथ ही देश को नई राह दी थी। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी नाम बदलने की मांग के पक्ष में नहीं है।
नाम बदलने के पक्ष में नहीं ABVP
जेएनयू इकाई के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा कि हम जेएनयू का नाम बदले जाने के पक्ष में नहीं हैं। जेएनयू का नाम सही है।दीक्षा समारोह आज जेएनयू में बुधवार को दीक्षा समारोह ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। इसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे।
जेएनयू के कुलपति ने बताया कि समारोह में 11 स्कूलों व तीन केंद्रों के 600 से अधिक पीएचडी छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। डिग्री प्राप्त करने के लिए जेएनयू ने एक वेबसाइट बनाई थी। छात्रों से कहा गया था कि वे खुद को वेबसाइट पर रजिस्टर्ड कराएं। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि ऑनलाइन समारोह फेसबुक पेज के जरिये भी देखा जा सकता है।