जेएनयूः एमएचआरडी ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी, छात्रसंघ ने की वीसी बदलने की मांग

जेएनयूः एमएचआरडी ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी, छात्रसंघ ने की वीसी बदलने की मांग

जेएनयू में छात्रों और प्रशासन के बीच बीते कई दिनों से जारी विवाद का हल निकालने व शांति बहाली के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यूजीसी के पूर्व चेयरमैन वीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी सभी हितधारकों (पक्षों) से बात कर विवाद का हल सुझाएगी। कमेटी के अन्य सदस्यों में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एसआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुधे और यूजीसी सचिव प्रो. रजनीश जैन भी शामिल हैं।

सरकार की ओर से इस संबंध में सोमवार को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि कमेटी देखेगी कि जेएनयू में कामकाज को सामान्य कैसे किया जाए। यह समिति पूरे मामले पर विचार-विमर्श कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके लिए कमेटी शांति बहाली के लिए छात्रों व प्रशासन से बात करेगी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा सचिव आर सुब्रमणियम ने ट्वीट कर कहा कि छात्रों व प्रशासन के बीच बातचीत करके शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए ही यह कमेटी गठित की गई है। मालूम हो कि जेएनयू में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी और हॉस्टल के नए नियमों को लेकर छात्र-छात्राएं कई दिनों से विरोध कर रहे हैं। बीते सप्ताह जेएनयू प्रशासन ने बीपीएल छात्रों को फीस में आंशिक राहत दी थी, लेकिन छात्र पूरी फीस वापसी चाहते हैं।

जेएनयू के वीसी को हटाया जाना चाहिए : जेएनयूएसयू 

इस पूरे विवाद के लिए छात्र कुलपति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लगातार छात्र जेएनयू वीसी को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) का आरोप है कि पुलिस और सीआरपीएफ ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने शांतिपूर्ण मार्च को बाधित करने के लिए ऐसा किया है।

जेएनयू में सामान्य कामकाज में व्यवधान के लिए छात्रों ने कुलपति को जिम्मेदार ठहराया है। इस कारण एक बार फिर से छात्रों ने दोहराया कि विश्वविद्यालय में पूर्ण कुप्रबंधन के लिए कुलपति को हटाया जाना चाहिए।

जेएनएसयू का कहना है कि मामले के समाधान के लिए गठित कमेटी प्रशासन को सिर्फ सलाह देने के लिए नहीं होनी चाहिए। छात्रों का कहना है कि एमएचआरडी को आईएचए ड्राफ्ट मैन्युअल को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए। साथ ही, छात्रों को एक स्पष्ट आश्वासन दिया जाना चाहिए कि मैन्युअल पर कोई भी निर्णय उचित प्रक्रिया के अनुसार लिया जाएगा।