नेपाल में जिनपिंग ने दी चेतावनी, चीन को बांटने की कोशिश करने वालों को ‘मसल’ देंगे
खास बातें
- नेपाल की धरती से चीनी राष्ट्रपति ने दी तिब्बतियों और उनके समर्थकों को चेतावनी
- दलाई लामा समर्थक तिब्बतियों के आने पर रोक लगाने का दबाव बनाने की कोशिश
- भारत ने दी है दलाई लामा को शरण और तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता
- नेपाल में तिब्बत छोड़कर आए हैं दलाई लामा के समर्थक करीब 20 हजार शरणार्थी
भारत से सीधे नेपाल दौरे पर पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को चेतावनी दी कि चीन को ‘बांटने’ की कोशिश करने वालों को बुरी तरह ‘मसल’ दिया जाएगा। जिनपिंग ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ वार्ता के दौरान यह बात कही। इसे जिनपिंग की ओर से नेपाल पर दलाई लामा समर्थक तिब्बतियों की आवाजाही रोकने का दबाव बनाने की कोशिश माना जा रहा है।
जिनपिंग ने यह भी कहा कि ऐसी कोशिश करने वालों का साथ देने वाली बाहरी ताकतों को भी चीनी लोग चकनाचूर कर देंगे। हालांकि जिनपिंग ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि इस बयान के जरिए उन्होंने भारत की ओर इशारा किया है, जिसने सर्वोच्च तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को शरण दे रखी है और तिब्बत की निवार्सित सरकार को भी मान्यता दे रखी है।
दलाई लामा को चीन विद्रोही की नजर से देखता है
इसके अलावा हर साल तिब्बत से करीब दो से ढाई हजार लोग अवैध तरीके से नेपाल की सीमा में घुसकर वहां से दलाई लामा के दर्शन करने धर्मशाला पहुंचते हैं। कई लोगों का मानना है कि चीन की मंशा नेपाल में रह रहे तिब्बतियों को अपने यहां प्रत्यर्पित करने की है और काठमांडू पर इसी का दबाव बनाने को जिनपिंग ने यह बयान दिया है ताकि नेपाल आसानी से प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर कर दे।
हालांकि नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने जिनपिंग को आश्वस्त किया कि उनका देश किसी भी चीन विरोधी गतिविधि को अपनी धरती से अंजाम नहीं देने देगा।