जयंत चौधरी बोले, हमने पाला बदला है, विचार नहीं- कहा; देश में भाजपा 10 साल से…

जयंत चौधरी बोले, हमने पाला बदला है, विचार नहीं- कहा; देश में भाजपा 10 साल से…
  • पहली बार किसी सरकार ने चौधरी साहब की विरासत का सम्मान करते हुए उन्हें भारत रत्न दिया। यह बहुत बड़ा कदम था। इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। यहां से एनडीए के साथ आने की शुरुआत हुई। उधर विपक्षी गठबंधन में संवादहीनता थी। कोई भी समन्वय नहीं था। मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई।

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एनडीए के साथ गठबंधन का ऐलान कर सबको चौंका दिया था। माना जा रहा था कि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनेगी, लेकिन अंतिम समय में जयंत चौधरी ने भाजपा के साथ जाने का ऐलान कर दिया था। भाजपा ने भी उनके दादा देश के पूर्व पीएम तथा यूपी के पूर्व सीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की भी घोषणा की

सवाल – विपक्षी गठबंधन छोड़कर अचानक एनडीए के साथ क्यों आ गए?

जवाब- इसके कई पहलू हैं। मैंने कार्यकर्ताओं से संवाद रखते हुए उनकी भावनाओं के अनुरूप निर्णय लिया। हमने देखा कि भाजपा 10 साल से केंद्र में है। उत्तर प्रदेश में भी उनकी सरकार अच्छा काम कर रही है।

पहली बार किसी सरकार ने चौधरी साहब की विरासत का सम्मान करते हुए उन्हें भारत रत्न दिया। यह बहुत बड़ा कदम था। इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। यहां से एनडीए के साथ आने की शुरुआत हुई। उधर, विपक्षी गठबंधन में संवादहीनता थी। कोई समन्वय नहीं था। मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस की यात्रा चल रही है। लगता है जैसे कोई पीआर एक्सरसाइज हो रही है। धरातल पर कुछ नहीं है। प्रचार और न कोई तैयारी।

सवाल- पहल किसकी ओर से हुई थी। आपकी या भाजपा की ओर से?

जवाब- हंसते हुए… संगम होगा कि नहीं… संगम हो गया। अब यह किसके बुलावे पर हुआ, यह कोई बड़ी बात नहीं। दोनों की इच्छाओं और प्रयासों से हुआ। उनके मुद्दे और हमारे मुद्दे एक हैं।

सवाल- क्या पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के कारण आपने यह निर्णय लिया?

जवाब- राजनीतिक निर्णय और भारत रत्न जैसे सम्मान की तुलना नहीं होनी चाहिए। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का निर्णय देश के लोकतांत्रिक इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण मोड़ रहा।

सवाल- क्या आपको लगता है यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था?

जवाब- यह निर्णय पहले भी हो सकता था, लेकिन अब कोई मलाल नहीं है।

सवाल- चंद्रशेखर आजाद अब अलग-थलग पड़ गए हैं। क्या उनके लिए कुछ संभावनाएं बनती हैं?

जवाब- चंद्रशेखर नौजवान और ऊर्जावान हैं। मेरा स्नेह उन्हें हमेशा मिलता रहेगा, हमारे रिश्तों में कोई खटास नहीं है।

सवाल- जाट और मुस्लिम वोट आपकी ताकत रहे हैं। क्या भाजपा के साथ आने से मुस्लिम वोट छिटकने की आशंका है?

जवाब- लोकदल की अब तक की यात्रा में मुसलमानों का पूरा समर्थन रहा। पिछले चुनाव में उनकी भरपूर वोट मिली। हमने पार्टी के मुस्लिम नेताओं से भी बात की, जिससे निर्णय से कोई असहज न हो। सभी ने मेरे निर्णय को पार्टी के हित में बताया।

सवाल- क्या उप्र में कानून व्यवस्था अपने सर्वोच्च स्तर पर है?

जवाब- यूपी ने कई बार दंगा देखा। यहां विघटनकारी शक्तियां बहुत हैं। मुख्यमंत्री योगी का मत बिल्कुल स्पष्ट है कि कोई पक्षपात नहीं होगा। अपने कार्यकर्ताओं पर लगाम रखने में मुख्यमंत्री कामयाब हैं।

सवाल- टिकैत परिवार की तरफ से कहा जा रहा है कि जयन्त को पाला बदलने से पहले एक बार सलाह लेनी चाहिए थी।

जवाब- वो हमारे बड़े हैं, वो कह सकते हैं। उनके दिल में क्या है, यह कई बार मैं समझ लेता हूं। कहने की जरूरत नहीं होती। मैंने अपने कार्यकर्ताओं से पूछकर ही निर्णय लिया है।

सवाल- ऐसा काफी समय बाद हो रहा है कि आपके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा।

जवाब- यह मानिए कि मैं ही चुनाव लड़ रहा हूं। हमारे द्वारा घोषित दोनों प्रत्याशियों को जनता सकारात्मक रूप से ले रही है। टिकट वितरण बहुत कठिन होता है। पहली बार ऐसा हुआ कि मैंने जो टिकट दिए उसमें मुझे कोई तनाव महसूस नहीं हुआ।

 

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