गुजरात सरकार द्वारा बनाये गये लव जिहाद कानून को लेकर बिफरी जमियत उलेमा ए हिन्द

गुजरात सरकार द्वारा बनाये गये लव जिहाद कानून को लेकर बिफरी जमियत उलेमा ए हिन्द
  • जमियत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी

देवबंद [24CN]। देश में उलेमाओं के सबसे बडे संगठन जमियत उलेमा ए हिन्द बिफर गयी है तथा जमियत ने गुजरात सरकार द्वारा बनाये गये लव जिहाद कानून को वहां हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जमियत ने इस कानून को संविधान की मूल धाराओं के विरूद्ध बताया।

गुजरात सरकार ने 15 जुलाई को धार्मिक स्वतंत्रता  ( संशोधित) एक्ट 2021 लागू किया था। इसके बाद बहुत से लोगों को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस कानून को लेकर जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि गुजरात में बनाया गया कानून, संविधान की मूलभूत धाराओं के विरुद्ध है, देश चलाने वालों को कानून बनाने का अधिकार है लेकिन मानव अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संविधान की मूलभूत धाराओं को कुचलने वाला कानून, देश से मोहब्बत करने वाले किसी भी वर्ग को स्वीकार्य नहीं हो सकता।

कहा कि  जमीअत उलमा ए हिंद ने गुजरात हाईकोर्ट में इस कानून के विरुद्ध एक सप्ताह पहले एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। बृहस्पतिवार को गुजरात हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार (एडवोकेट जनरल) को नोटिस जारी किया है। जमीयत उलमा ए हिंद की तरफ से दायर की गई याचिका में यह प्रश्न उठाया गया कि इस कानून के गलत इस्तेमाल होने का सौ प्रतिशत खतरा है। इसके अंदर लालच देकर धर्म परिवर्तन को अपराध करार दिया गया है और किसी भी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन या धर्म के निमंत्रण देने से स्पष्ट तौर रोका गया है। जो भारतीय संविधान की मूलभूत धारा 25 को रौंदने वाला है। विदित हो कि जमीयत उलमा गुजरात के सचिव प्रो0 निसार अहमद अंसारी और मायनरटी कोऑर्डिनेशन के कन्वीनर मुजाहिद नफीस इस मुकदमे की देखरेख कर रहे हैं। इससे पहले भी जमीयत उलमा गुजरात ने लैंड डिस्टर्ब एरिया एक्ट के विरुद्ध हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।