चीन यात्रा पर जयशंकर, कांग्रेस ने मानसून सत्र में खुली बहस की मांग उठाई

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के नेताओं से मुलाकात की। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने राष्ट्रपति शी को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति से अवगत कराया। विदेश मंत्री एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय चीन दौरे पर हैं। यह उनकी गलवान घाटी में जून 2020 की झड़प के बाद पहली चीन यात्रा है।
इस बीच, कांग्रेस ने जयशंकर की चीन यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पड़ोसी देश से जुड़े मुद्दों पर संसद में खुली बहस होनी चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उम्मीद है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में इस पर चर्चा के लिए सहमत होंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब 1962 के युद्ध के समय संसद में बहस संभव थी, तो आज क्यों नहीं?
रमेश ने अपने पोस्ट में दावा किया कि विदेश मंत्री ने हालिया बैठक में कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की कजान में मुलाकात के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने सवाल किया कि उस मुलाकात के बाद क्या घटनाक्रम हुए, इसे सरकार क्यों नहीं स्पष्ट कर रही?
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि चीन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को तकनीकी और खुफिया सहयोग दिया। भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख के हवाले से उन्होंने कहा कि भारत ने इस ऑपरेशन में तीन दुश्मनों से मुकाबला किया, जिनमें चीन भी शामिल था। रमेश ने मोदी सरकार पर चीन के सामने झुकने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को संसद में इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीन की बढ़ती आर्थिक ताकत और उसके वैश्विक प्रभाव से जुड़े सुरक्षा खतरों पर राष्ट्रीय सहमति बनाना बेहद जरूरी है, ताकि भारत अपनी रणनीति स्पष्ट कर सके।