तालिबान के साथ मिलकर भारत के इस राज्य में आतंक मचाना चाहता है जैश-ए-मोहम्मद
- अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहा हैं. विश्व समुदाय वहां फैली अशांति की वजह से गहरी चिंता में हैं. तालिबान ने सत्ता में आते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहा हैं. विश्व समुदाय वहां फैली अशांति की वजह से गहरी चिंता में हैं. तालिबान ने सत्ता में आते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि तालिबान अब मध्य एशिया के देशों के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है. वहीं, कुछ रक्षा विशेषज्ञ तालिबान को भारत के लिए भी एक बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान और कुछ अन्य आतंकी संगठनों के साथ मिलकर तालिबान जम्मू-कश्मीर में अशांति फैला सकता है. इस बात को उस समय बल मिलता दिखाई दिया, जब पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर की तालिबानी नेताओं से मुलाकात से मुलाकात की जानकारी सामने आई.
कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में जैश
दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद अब तालिबान के जरिए कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में है. एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मसूद अजर ने पिछले दिनों ने कांधार जाकर जम्मू-कश्मीर में गतिविधियां तेज करने के लिए तालिबान से सहयोग मांगा था. आपको बता दें कि मसूद अजहर मुंबई में हुए 26 नवंबर 2008 हमलों का मास्टरमाइंड है. रिपोर्ट में बताया कि मसूद ने कंधार में जिन तालिबानी नेताओं से मुलाकात की उनमें अब्दुल गनी बरादर भी शामिल है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि बरादर तालिबान के राजनीतिक धड़े का मुखिया है. इससे पहले मसूद अजहर अफगानिस्तान पर कब्जे को लेकर तालिबान की तारीफ भी कर चुका है. अजहर ने कहा था कि तालिबान ने अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान की सरकार को गिरा दिया.
जैश-ए-मोहम्मद ने तालिबान की जीत पर खुशियां भी बनाई थी
यही नहीं अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों ने तालिबान की जीत पर खुशियां भी बनाई थी. इस दौरान लश्कर और जैश ने पाक अधिकृत कश्मीर (Pok) में तालिबान के समर्थन में रैली का भी आयोजन किया था. सोशल मीडिया पर इस रैली का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें आतंकी तालिबान की जीत पर एक दूसरे को बधाइंया देते नजर आ रहे थे.