निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करना जरूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उससे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मार्केट्स को एक्सेस करना, निवेशकों के लिए अधिक आसान और अधिक सुरक्षित बनेगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिटेल डायरेक्ट स्कीम (RBI Retail Direct Scheme) और रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना की शुरुआत की. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिटेल डायरेक्ट स्कीम से देश में छोटे निवेशकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में इंवेस्टमेंट का सरल और सुरक्षित माध्यम मिल गया है. इसी प्रकार एकीकृत लोकपाल स्कीम से बैंकिंग सेक्टर में एक देश, एक लोकपाल योजना ने आज साकार रूप लिया है.
उन्होंने कहा कि आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उससे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मार्केट्स को एक्सेस करना, निवेशकों के लिए अधिक आसान और अधिक सुरक्षित बनेगा. उन्होंने कहा कि बीते 7 साल में NPAs को पारदर्शिता के साथ Recognize किया गया है. साथ ही रिजोल्यूशन और रिकवरी पर ध्यान दिया गया है. इसके अलावा पब्लिक सेक्टर बैंकों को Recapitalize किया गया है. साथ ही साथ फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए हैं.
बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने के लिए कोऑपरेटिव बैंकों को RBI के दायरे में लाया गया
उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने के लिए कोऑपरेटिव बैंकों को RBI के दायरे में लाया गया है, इससे इन बैंकों के गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों डिपॉजिटर्स हैं उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है. बीते सालों में देश के बैंकिंग सेक्टर सेक्टर में, फाइनेंशियल सेक्टर में Inclusion से लेकर टेक्नोलॉजिकल इंट्रीग्रेशन और दूसरे रिफॉर्म्स किए हैं, उनकी ताकत हमने कोविड के इस मुश्किल समय में भी देखी है. उन्होंने कहा कि सरकार जो बड़े-बड़े फैसले ले रही थी, उसका प्रभाव बढ़ाने में RBI के फैसलों ने भी मदद की है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर इन सुविधाओं को गरीब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. बल्कि बदलाव ना हो इसके लिए भांति-भांति के बहाने बनाए जाते थे. कहा जाता था-बैंक ब्रांच नहीं है, स्टाफ नहीं है, इंटरनेट नहीं है, जागरूकता नहीं है,ना जाने क्या-क्या तर्क होते थे. उन्होंने कहा कि 6-7 साल पहले तक भारत में बैंकिंग, पेंशन, इंश्योरेंस, ये सबकुछ एक एक्सक्लूसिव क्लब जैसा हुआ करता था. देश का सामान्य नागरिक, गरीब परिवार, किसान, छोटे व्यापारी-कारोबारी, महिलाएं, दलित-वंचित-पिछड़े, इन सबके लिए ये सब सुविधाएं बहुत दूर थीं. UPI ने तो बहुत ही कम समय में डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है. सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुना की छलांग लगाई है. आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है.
उन्होंने कहा कि हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को RBI निरंतर सशक्त करता रहेगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना भारतीय रिजर्व बैंक के खुदरा प्रत्यक्ष योजना का मुख्य उद्देश्य है. छोटे निवेशक इस योजना के तहत आसानी से रिजर्व बैंक के पास सरकारी प्रतिभूति खाता ऑनलाइन नि:शुल्क खोल सकेंगे. इसके अलावा उसका रखरखाव भी कर सकेंगे.
रिटेल डायरेक्ट स्कीम
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) की रिटेल डायरेक्ट स्कीम (What Is RBI Retail Direct Scheme) का ऐलान इस साल फरवरी में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. उस समय आरबीआई गवर्नर ने इसको एक बड़ा सुधार करार दिया था. बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि रिटेल डायरेक्ट स्कीम से सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट तक निवेशकों की पहुंच काफी आसान हो जाएगी. इसके अलावा रिटेल निवेशक के द्वारा अब बिल्कुल फ्री में RBI में सरकारी सिक्योरिटीज अकाउंट (रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट- RDG) को खोला जा सकता है. रिटेल निवेशक RDG अकाउंट को ऑनलाइन खोल सकते हैं. निवेशकों को फॉर्म को सबमिट करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आए हुए OTP को भरने की जरूरत होगी. रिटेल निवेशकों को RDG अकाउंट के पेमेंट के लिए उनके बैंक अकाउंट से नेट बैंकिंग या UPI की सुविधा के जरिए की जा सकती है. रिफंड होने की स्थिति में तयशुदा सीमा के तहत रिटेल निवेशक के बैंक अकाउंट में राशि जमा हो जाएगी.
रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना
फाइनेंशियल और बैकिंग संस्थानों के कस्टमर्स एकीकृत लोकपाल योजना के जरिए लोकपाल को एक ई-मेल आईडी और नंबर की मदद से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. बता दें कि एकीकृत लोकपाल योजना के जरिए एक पोर्टल, एक ईमेल और एक पते के साथ एक राष्ट्र-एक लोकपाल की अवधारणा को साकार हो सकेगा. बता दें कि इसके जरिए कस्टमर सिर्फ एक पोर्टल पर बैंकों से जुड़ी शिकायत को दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा यूजर डॉक्यूमेंट, स्टेट्स ट्रैक और फीडबैक दे सकते हैं. आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों के लिए यह एक एकीकृत योजना है. रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायत दर्ज करने और शिकायत निवारण पर जानकारी में सहायता पाने के लिए बहुभाषी टोल-फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा यानी कि विभिन्न भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने की सुविधा होगी. इसके अलावा बैंक के कस्टमर्स बैंकिंग सेवाओं और शिकायतों को लेकर प्रतिक्रिया भी दे सकेंगे.