अदालत के फैसले से पहले मीडिया का जज बन जाना निंदनीयः मदनी 

अदालत के फैसले से पहले मीडिया का जज बन जाना निंदनीयः मदनी 
  • धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार उमर गौतम के मुकदमे की परैवी करेगी जमीयत

देवबंद [24CN]:  जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाकर जिस तरह से उमर गौतम व अन्यों को गिरफ्तार किया गया और इस मामले को जिस तरह मीडिया इसे पेश कर रहा है। वह घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि परिवार के लोगों की गुजारिश पर जमीयत उलमा-ए-हिंद अदालत में उमर गौतम के मामले की मजबूत परैवी करेगी।

बुधवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों और कमजोर तबके के लोगों के मामले में मीडिया का जज बन जाना और उन्हें मुजरिम बनाकर पेश करना एक आम बात हो गई है। पूर्व में तब्लीगी जमात को लेकर इसी तरह का रवैया इख्तियार किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि जिसको मुलजिम बनाया जाता है उनको और उससे संबंधित लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। बाद में जब अदालतें इनको बेकसूर करार दे देती हैं तो यही मीडिया खामोशी की चादर ओढ़ लेता है। मौलाना मदनी ने कहा कि हर एक को अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखना पूरा अधिकार है। इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता। इसलिए जमीयत उलमा ने उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला उमर की गुजारिश पर फैसला किया है कि उनके मुकदमे की भरपूर परैवी की जाएगी।

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो सजा देने का काम अदालत का है। अदालत से हटकर अदालत बन जाना ओर जुर्म साबित होने से पहले मुजरिम बनाकर पेश करना यह खतरनाक तरीका है। जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। कहा कि अदालत का ध्यान भी इस तरफ दिलाया जाएगा कि इस तरह के मामलों में मीडिया ट्रायल पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे न सिर्फ पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब होती है बलकि मुल्क के सिस्टम का भी मजाक बनता है। मौलाना मदनी ने यूपी सरकार की तरफ से धर्मांतरण मामले में की जा रही बयानबाजी पर भी सवाल उठाया। कहा कि सरकार को सबके लिए बराबर होना चाहिए। हम देखते हैं कि यति नरसिंहानंद जैसे लोग मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हालांकि जमीयत ने मुख्यमंत्री को इस मामले में पत्र लिखा है और एफआईआर भी दर्ज कराई है। लेकिन उसके बावजूद एक्शन लेने के बजाए सरकार ऐसे लोगों की पीठ पर हाथ रखे हुए हैं।