IS सोशल मीडिया से कर रहा है युवाओं का ब्रेन वॉश, NIA की चेतावनी

IS सोशल मीडिया से कर रहा है युवाओं का ब्रेन वॉश, NIA की चेतावनी
  • एनआईए के मुताबिक आईएस सरीखा कट्टर औऱ दुर्दांत आतंकी संगठन भारत में सोशल प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है.

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान राज के आगाज के भारतमें साइड इफैक्ट सामने आने लगे हैं. पाकिस्तान पोषित आतंक भी नए सिरे से फन उठा रहा है, तो आईएसआईएस-के मॉडल भी आंतरिक और वाह्य सुरक्षा के लिए चुनौती बन रहा है. अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी  ने एक चौंकाने वाला इनपुट देकर आसन्न संकट की भयावहता को और बढ़ा दिया है. एनआईए ने हालांकि इस्लामिक स्टेट  को लेकर बेहद चुनौतीपूर्ण इनपुट दिया है. एनआईए के मुताबिक आईएस सरीखा कट्टर औऱ दुर्दांत आतंकी संगठन भारत में सोशल प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है. एनआईए ने इस बारे में आगाह किया है कि आईएस फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को फंसाने की चाल चल रहा है.

सोशल मीडिया से करा जा रहा है युवाओं का ब्रेन वॉश
एनआईए के मुताबिक आईएस की मोडस ऑपरेंडी इस बारे में बेहद साफ है. जैसे ही कोई शख्स इस्लामिक स्टेट में दिलचस्पी दिखाता है, उसके तुरंत बाद ही आईएस के आकाओं का खेल शुरू हो जाता है. संबंधित शख्स को विदेशों में ऑनलाइन हैंडलर्स के जरिए लालच दिया जाता है. फिर इन युवाओं से सोशल प्लेटफॉर्म के जरिये डिजिटल कंटेंट अपलोड कराया जाता है. यानी इस्लामिक स्टेट की कट्टर विचारधारा को संबंधित शख्स को उसकी भाषा में कंटेंट भिजवाया जाता है. इस कंटेंट में विस्फोटक बनाने से लेकर आतंकी फंडिंग तक की जानकारी मौजूद रती है.

एनआईए ने जारी किया नंबर
इस इनपुट के जरिये आगाह करने के साथ ही एजेंसी ने एक नंबर भी जारी किया है. इसके साथ ही एनआईए ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह की कोई गतिविधि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर आती है, तो एनआईए की जानकारी में लाया जाए. ये नंबर है-011 2438800. एजेंसी के मुताबिक अब तक इस्लामिक स्टेट से जुड़े 37 मामलों की जांच की गई है, जिनमें सबसे हालिया मामला जून 2021 का है. इन सभी मामलों में कुल 168 लोगों की गिरफ्तारी हुई. 31 केस में चार्जशीट फाइल की जा चुकी है. 27 आरोपियों पर दोष भी साबित हो चुके हैं.

आतंकी संगठनों के हौसले हैं बुलंद
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बाद से लगातार विशेषज्ञ कह रहे हैं कि क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है. हालांकि तालिबान और इस्लामिक स्टेट एक दूसरे के दुश्मन हैं, लेकिन तालिबान की जीत से सभी कट्टर और दुर्दांत आतंकी संगठनों के हौसले बढ़ सकते हैं. आईएस तो खैर है ही आईएसआईएस-के भी बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें केरल के कई युवा शामिल हैं. बीचे दिनों अफगानिस्तान की जेल से ये आतंकी फरार हो गए थे. इनमें से कुछ को काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती धमाकों के दौरान भी देखा गया था.