सच नहीं बोल रहा ईरान, रास्ते में नहीं था कोई सैन्य बेस, यूक्रेन ने मांगा हर्जाना
ईरान ने आखिरकार कबूल कर ही लिया कि उसकी सेना ने गलती से यूक्रेनी यात्री विमान बोइंग 737 को मार गिराया था। इस विमान में 176 लोग सवार थे जिनकी मौत हो गई थी। सेना ने बयान जारी कर इसे मानवीय भूल करार दिया। ईरान की सेना का कहना है कि विमान उनके मिलिटरी एरिया की तरफ बढ़ रहा था, जिसकी वजह से गलती हुई।
हालांकि कई विशेषज्ञों ने कहा है कि विमान के रास्ते में कोई सैन्य बेस नहीं था। ऐसे में ईरान पूरा सच नहीं बोल रहा है। वहीं यूक्रेन ने विमान हादसे में मारे गए लोगों और विमान को हुए नुकसान को लेकर ईरान से हर्जाने की मांग की है।
यूक्रेन ने ईरान से विमान गिराने के पीछे रहे दोषियों को सजा देने की मांग की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को मांग की है कि वह यूक्रेन के विमान को मार गिराने के पीछे दोषी लोगों को सजा दें। राष्ट्रपति ने मुआवजे की भी मांग की है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने फेसबुक पोस्ट में मुआवजे की मांग के साथ ही कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान दोषियों को न्याय के दायरे में लाएगा।
यूक्रेन के विमान को गिराने के मामले में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए: ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेन के एक विमान को ईरान द्वारा गैरइरादतन निशाना बनाने के मामले में जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। उन्होने इस मामले में उन परिवारों के लिए पारदर्शिता और न्याय की मांग की है कि जिन्होंने अपने प्यारों को खोया है और उनमें से कई लोगों के पास कनाडा की दोहरी नागरिकता थी।
ट्रूडो ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह एक राष्ट्रीय दुख है और कनाडा के सभी लोग शोक मना रहे हैं। विमान हादसे में मारे गए लोगों में लगभग 63 कनाडियन नागरिक भी शामिल हैं।
बता दें कि विमान ने तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यूक्रेन की राजधानी कीव के बोर्यस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लिए उड़ान भरी थी। ईरानी अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि इस दुर्घटना का कारण तकनीकी खामी थी।