भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की जांच के लिए आईपीएस अफसर ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
आईपीएस अफसर जसवीर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पुलिस महकमे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है।
जसवीर सिंह ने गौतमबुद्घनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा 1 जनवरी को की गई प्रेस कांफ्रेंस को शिकायत का आधार बनाया है। जसवीर ने इस मामले में नोएडा के सेक्टर 20 थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है।
जसवीर ने एसएसपी गौतमबुद्घनगर की प्रेस कांफ्रेंस के बाद समाचार पत्रों में छपी खबरों का हवाला देते हुए लिखा है कि यूपी कॉडर के पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा कराई जाए।
उन्होंने लिखा है कि जिलों में तैनाती के लिए पैसे व अन्य प्रकार का प्रलोभन प्रथमदृष्टया भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
वैभव कृष्ण के कथित नोट में इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की पोस्टिंग, ट्रांसफर में लाखों रुपये लेकर जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दिए जाने की शिकायतें हैं। प्रथम दृष्टया यह एक आपराधिक कृत्य है। जसवीर ने लिखा है कि वह यह पत्र एक नागरिक के तौर पर और एक करदाता की हैसियत से लिख रहे हैं।
जसवीर ने अनुरोध किया है कि जिन आईपीएस अधिकारियों के भ्रष्टाचार का जिक्र वैभव कृष्ण ने किया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना न्यायिक पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र एजेंसी के सत्यनिष्ठ अधिकारियों की एसआईटी गठित कर कराई जाए।
उन्होंने पत्र में कहा है कि जिन पुलिस अधिकारियों के भ्रष्टचार करने के तथ्य सार्वजनिक हुए हैं उनके द्वारा साक्ष्यों को नष्ट किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐेसे में इन अफसरों को निलंबित करते हुए वर्तमान पदों से हटाया जाए। जसवीर सिंह 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह फिलहाल निलंबित चल रहे हैं।