IPS अधिकारी मुकुल गोयल बने उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक

- आइपीएस मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन नामों में से मुकुल गोयल को चुन लिया है। 1987 बैच के आइपीएस गोयल मूल रूप से यूपी के शामली जिले के रहने वाले हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस को अपना नया मुखिया मिल गया है। एचसी अवस्थी के रिटायर होने के बाद 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एडीजी आपरेशन्स, बीएसएफ के पद पर तैनात मुकुल गोयल जल्द डीजीपी का पदभार ग्रहण करेंगे। माना जा रहा है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से कार्यमुक्त होने के बाद वह शुक्रवार को डीजीपी का पदभार ग्रहण कर सकते हैं। वहीं, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अपनी विदाई से पूर्व पुलिस मुख्यालय में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को डीजीपी का पदभार सौंपा। इससे पहले वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। मुख्यमंत्री ने अवस्थी के सेवाकाल की सराहना की है।
दिल्ली में 28 जून को हुई संघ लोक सेवा आयोग की बैठक में डीजी स्तर के तीन अधिकारियों का पैनल तय किया था। इस पैनल में शामिल मुकुल गोयल नए डीजीपी के सबसे प्रबल दावेदार के रूप में देखे जा रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उनके नाम पर सहमति दे दी, जिसके बाद उनकी डीजीपी के पद पर नियुक्ति का आदेश जारी हो गया है। सूबे में करीब डेढ़ वर्ष तक एडीजी कानून-व्यवस्था के अहम पद पर तैनात रह चुके गोयल को विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी बनाए जाने को बेहद अहम माना जा रहा है।
मुकुल गोयल सपा शासनकाल में दिसंबर 2013 में एडीजी कानून-व्यवस्था बनाए गए थे। मूलरूप से शामली के निवासी मुकुल गोयल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में लंबा कार्य अनुभव रहा है और उनकी गिनती तेजतर्रार अधिकारियों में होती है। वह एसपी रहते हुए नौ जिलों की कमान संभाल चुके हैं। प्रदेश में वह जालौन, मैनपुरी, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर व मेरठ के एसएसपी तथा आजमगढ़ के हाथरस एसपी रहे।
उन्होंने अपनी सेवा की शुरुआत अविभाजित उत्तर प्रदेश में बतौर एएसपी, नैनीताल की थी और अल्मोड़ा के एसपी भी रहे। उन्हें बरेली का एसपी सिटी भी बनाया गया था। एसपी के पद पर रहते हुए उन्हें विजिलेंस, ईओडब्ल्यू व इंटेलीजेंस मुख्यालय का भी अनुभव रहा है। कानपुर, आगरा व बरेली रेंज के डीआइजी रहने के अलावा वह बरेली जोन में बतौर आइजी व एडीजी भी तैनात रहे हैं। यहां वह एडीजी रेलवे, ईओडब्ल्यू व सीबीसीआइडी भी रहे। उनका सेवाकाल फरवरी 2024 तक है।
दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे तैनात : मुकुल गोयल ने दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार वर्ष 2007 में डीआइजी के पद पर तैनात रहते हुए गए थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान ही आइजी के पद पद पदोन्नत हुए थे। वह एडीजी बनने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दोबारा वर्ष 2016 में गए थे और उनकी तैनाती बीएसएफ में बतौर आइजी हुई थी। जहां वह जुलाई 2017 में एडीजी बन गए थे।
अच्छे सेवाकाल के लिए याद किए जाएंगे अवस्थी : मुख्यमंत्री ने कहा कि हितेश चंद्र अवस्थी 36 वर्षों का कार्यकाल पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने एक अच्छे नेतृत्वकर्ता व तेजतर्रार अधिकारी के रूप में देश व प्रदेश की सेवा की है। कोविड की विभीषिका के बीच उन्होंने पुलिस मुखिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
शामली के रहने वाले हैं मुकुल गोयल : सीनियर आइपीएस मुकुल गोयल मूल रूप से शामली के रहने वाले हैं। अब उनका आवास मुजफ्फरनगर की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित भरतिया कॉलोनी में है। वहां उनकी मां रहती हैं।मुकुल गोयल का जन्म शामली स्थित मोहल्ला डुब्बू दरवाजा स्थित घर में हुआ। अब इस घर में उनकी बुआ मीनू रहती हैं। बाद में इस मोहल्ले का नाम लाजपतराय और वर्तमान में शिवमूर्ति है। मुकुल की प्राथमिक शिक्षा शहर के ही वैश्य मांटेसरी स्कूल में हुई। वर्तमान में इसका नाम वीवी इंटर कालेज शामली है। इसके बाद वह अपने पिता महेंद्र कुमार गोयल के पास धनबाद चले गए जो माइनिंग इंजीनियर थे।
खड़गपुर से की आइआइटी की पढ़ाई : आइपीएस मुकुल गोयल की मां हेमलता का मायका मुजफ्फरनगर की द्वारिकापुरी मोहल्ला में है। बीस वर्ष पूर्व मुकुल ने मुजफ्फरनगर की भरतिया कालोनी में घर बनाया जिसमें उनके माता-पिता रहते थे। उनके पिता का छह वर्ष पूर्व निधन हो गया। माता हेमलता ने बताया कि आठ माह पूर्व वह भरतिया कॉलोनी आए थे। इन दिनों मुकुल परिवार समेत दिल्ली स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। मुकुल ने आइआइटी की पढ़ाई खड़गपुर से की और वर्ष 1987 में वह भारतीय पुलिस सेवा में आए। मुकुल गोयल मेरठ में कप्तान और डीआइजी के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। पांच मई, 2002 से 24 सितंबर, 2003 तक वे मेरठ के एसएसपी रहे। प्रमोट होकर यहीं डीआइजी बने। छह महीने बाद उनका तबादला हो गया था।