नई दिल्ली। गुजरात टाइटंस की टीम ने हार्दिक पांड्या की कप्तानी में जिस तरह का प्रदर्शन किया किसी नई टीम से शायद ही ऐसी अपेक्षा की जा रही थी। गुजरात की टीम ने एक यूनिट के तौर पर असाधारण खेल दिखाया और परिणाम ये हुआ कि टीम अपने डेब्यू सीजन में ही चैंपियन बनी। इस टीम की खासियत ये थी कि वो हमेशा ही मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के साथ मैदान पर उतरे। जीत के बाद कप्तान हार्दिक पांड्या ने भी कहा था कि मैंने पिछले कई साल में देखा है कि टी20 प्रारूप बल्लेबाजों का खेल है, लेकिन इसमें गेंदबाज जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं और ये देखते हुए हमने हमेशा प्रापर गेंदबाजों को हर मैच में शामिल किया।

गुजरात टीम के अहम गेंदबाजों में मो. शमी भी थे जिन्होंने इस सीजन में अपनी टीम के लिए हर मैच खेला। पहले लीग मैच से लेकर फाइनल तक यानी 16 मैचों में वो प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहे और गेंदबाजी की, लेकिन एक बार भी वो बल्लेबाजी करने नहीं उतर पाए। दरअसल गुजरात को इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी की शमी को बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़े। आइपीएल के पिछले 15 सीजन में ऐसा कभी नहीं हुआ कि टीम का कोई खिलाड़ी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरा। यानी शमी के नाम पर ये अनोखा रिकार्ड दर्ज हो गया कि सभी मैचों खेलने के बावजूद वो एक बार भी बैटिंग करने मैदान पर नहीं उतरे।

आइपीएल के 15वें सीजन में गुजरात के तेज गेंदबाज मो. शमी ने अपनी टीम को लिए सभी 16 मैच खेले और इनमें 20 विकेट उन्होंने अपने नाम किए। इस सीजन में उनका इकानामी रेट 8 का रहा जबकि औसत 24.40 का रहा। इस सीजन में उनका बेस्ट प्रदर्शन 25 रन देकर 3 विकेट रहा। वहीं शमी के आइपीएल करियर की बात करें तो उन्होंने अब तक 93 मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम पर कुल 99 विकेट दर्ज हैं। शमी का आइपीएल में अब तक का बेस्ट प्रदर्शन 15 रन देकर 3 विकेट लिए थे।