ईदगाह के बजाए मोहल्ले की मस्जिदों या घरों में सीमित संख्या में नमाज अदा करने की दी हिदायत

देवबंद [24CN] : ईद.उल.फितर पर सामूहिक रुप से नमाज अदा किए जाने को लेकर उलमा के बाद अब ईदगाह व्फ कमेटी ने भी अपील जारी की गई है। जिसमें लोगों से ईदगाह के बजाए मोहल्ले की मस्जिदों या घरों में सीमित संख्या में नमाज अदा करने की हिदायत की गई है।

बुधवार को साझा अपील जारी कर दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरीए दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम व वक्फ कमेटी के उपाध्यक्ष मौलाना सुफियान कासमी व ईदगाह के मुतवल्ली व कमेटी के सचिव मौलवी अनस सिद्दीकी ने कहा की कोरोना के बढ़ते कहर के मद्देनजर सुरक्षात्मक कदम उठाया जाना बेहद जरूरी है। क्योंकि शरीयत में भी साफ है की जिंदगी की हिफाजत करना हमारा फर्ज है। इसलिए के हुक्म को ध्यान में रखते हुए सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा न करें। इससे बेहतर यह है की मस्जिदों या घरों में सीमित संख्या वाली छोटी छोटी जमातों के साथ ईद की नमाज अदा की जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना से बचाव को शासन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन किया जाना बेहद जरूरी है। वक्फ कमेटी के मुतवल्ली व सचिव मौलवी अनस सिद्दीकी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में ईदगाह में जमात के साथ ईद की नमाज अदा करना मुमकिन नहीं है। इसलिए अपने मोहल्लों की मस्जिदों या घरों पर ही सीमित संख्या के साथ नमाज अदा करें।

वहीं  मौलाना सुफियान कासमी ने बताया कि इस बार एक आदमी का सदका.ए.फितर 36 रुपये रखा गया है। जिसे ईद की नमाज से पहले पहले अदा किया जाना जरुरी है। गौरतलब है की दारुल उलूम ने भी फतवा जारी कर लोगों से सीमित संख्या में घरों में रहकर ईद की नमाज अदा करने को लेकर फतवा जारी किया है। इसमें मुफ्तियों ने यह भी कहा है की ईद की नमाज अदा न कर पाने की सूरत में नमाज.ए.चाश्त अदा की जा सकती है।