स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही से हवाई हो गये बाहर से आये व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के निर्देश

- दस दिनों मे बाहर से लोगो की स्क्रनिंग तीस मार्च को की गयी
नकुड [इंद्रेश त्यागी]। एक ओर प्रधानमंत्री के आग्रह पर देश के लोग स्वास्थ्य सेवाओ मे लोगो के सम्मान मे तालियां बजा रहे है। वंही क्षेत्र बाहर से आये व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने के शासन के आदेश हवाई हो गये। बीस मार्च से 29 मार्च के बीच बाहर से आये सैंकडो लोगो 29 मार्च तक स्क्रीनिंग तक नंही की गयी।
बीस मार्च से 29 मार्च के बीच आये सेंकडो लोगो की स्क्रीनिंग तक नंही की गयी। बाहर आने वाले व्यक्यिों को क्वारिंटीन करने के सरकार के निर्देशो पर स्वास्थ्य विभाग की पलीता लगा रहा है। जबकि ऐसे लोग लगातार अपने घरो मे रहकर दुसरे लोगो के साथ भी मिलते जुलते रहे। ऐसे मे सवाल यह है कि यदि कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित होगा तो उसने दस दिनों में कितने व्यक्तियों को संक्रमित किया होगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही लगा रहे है सरकारी योजना को पलीता
केंद्र व राज्य सरकारों के लाकडाउन का ऐसी हालत मे कितना लाभ होगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। यह स्थिति तब जबकि विगत दस दिनों से सीएचसी मे भीड एकत्रित न होने देने नाम पर ओपीडी बंद है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर दस दिनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी क्या कर रहे है? स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही ने सरकार की तमाम कोशिशों को पलीता लगा दिया।
उधर प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद सोमवार को क्षेत्र में बाहर से आये लोगो की सक्रीनिंग करने की कार्रवाई शुरू की गयी। जिसके तहत बीस मार्च से 30 मार्च के बीच क्षेत्र में बाहर से आये व्यक्तियों को सीएचसी तलब किया गया। फिर उनकी सक्रीनिंग की गयी। सीएचसी के डा. अमित ने बताया कि सोमवार को 225 व्यक्तियों की स्क्रीनिगं की गयी। सीएचसी प्रभारी डा0. अमन ने माना कि ये लोग 20 मार्च से 30 मार्च के बीच बाहरी क्षेत्रो से क्षेत्र मे आये है। हालांकि इतने विंलब से सक्रीनिंग होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि उन्हे सीएचसी मे किसी ने सूचना नंही दी।
बाहर से पैदल मजदूरों का पलायन जारी
उधर बाहर से आने वाले बाहरी मजदूरों आना जारी है। सोमवार को ही बडी सख्या में मजदूर पंजाब व हरियाणा से चलकर क्षेत्र से होकर गुजरते रहे है। पंरतु केंद्र व प्रदेश सरकार के निर्देशों के बावजूद उन्हे पूछने वाला कोई नंही है। आधा दर्जन मजदूरों की एक ऐसी टोली से जब बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वे लुधियाना से पैदल चलकर आये है। इस टोली मे शामिल शाहबाज, सादिक, गुडडु व तनवीर ने बताया कि उन्हे जलालाबाद जाना है। सवाल यह भी है कि प्रशासन ने आखिर पैदल चल रहे इन व्यक्तियों के लिये क्या व्यवस्था कर रहा है।
उपजिलाधिकारी पीएस राणा ने बताया कि नयागांव रोड पर केल्विन विद्यालय में क्वारिंटीन सेंटर बनाया गया है। इस स्कूल के कमरों को क्ंवारिटीन रूम मे बदला गया है। पंरतु अभी तक इस सेंटर पर एक भी व्यक्ति को कंवारिटीन नंही किया गया है।