रानीपुर जलनिगम ने प्रस्तावित जमीन के बजाये खाद के गडढो के लिये आरक्षित भूमि मे कर दिया बोरिगं
- ग्रामीणो ने किया विरोध, मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र
नकुड [इंद्रेश]। क्षेत्र जलनिगम के अधिकारियो की लापरवाही का अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। निगम के अधिकारियो ने लाखो रूपये खर्च करके ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित जमीन के बजाये खाद के गडढो के लिये आरक्षित जमीन मे ओवरहेड टेंक का बोरिंग कर दिया। अब ग्रामीण जलनिगम के अधिकारियों इस कार्रवाई का भारी विरोध कर रहे है। भाकियु ने इस मामले में अधिकारियो से खाद के गडढो पर निगम के अवैध कब्जे को रोकने की मांग की है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम रानीपुर बरसी में केंद्र सरकार की हरघर जल योजना के अंतर्गत पेय जल की आपूर्ति के लिये ओवरहेड टेंक बनना है। ग्राम पंचायत ने जल निगम को ओवरहेड टेंक के निर्माण व बोरिगं के लिये रानीपुर बरसी मु0 के खसरा नंबर 44 प्रस्तावित किया। पंरतु निगम के अधिकारियो ने मनमाने ढंग से प्रस्तावित भूमि के बजाये खाद के गडढो के लिये आरक्षित खसरा नंबर 56 में बोरिंग कर दिया। गौरतलब है कि खाद के गडढो के लिये आरक्षित भुखंड को किसी अन्य प्रयोजन मे प्रयोग मे नंही लाया जा सकता।
ग्रामीणो का आरोप है कि ओवरहेड टेंक के लिये प्रस्तावित भूमि के लिये किये गये प्रस्ताव की जानकारी तहसील के अधिकारियो तक को नहंी दी गयी। न ही प्रस्तावित भूमि की पैमाईश ही की गयी। ग्रामीणो ने भाकियु की मासिक पंचायत मे पंहुचकर मामले की जानकारी दी । साथ ही मुख्यमंत्री का पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की। उन्होने कहा कि जलनिगम के अधिकारी अब खाद के गडढो के लिये आरक्षित भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे है।
भाकियु के जिला महासचिव अशोक कुमार ने एसडीएम से मामले की जांच कराने की मांग की। साथ ही लापरवाह जलनिगम के अधिकारियो के खिलाफ भी कार्रवाई कराने की मांग की है। गौरतलब है कि जलनिगम की मनमानी से जंहा सरकार की करोडो रूपये की परियोजना खटायी मे पड गयी है। वही ग्रामीणों की होने पेय जल की समस्या का समाधान भी अब दूर की कोडी नजर आ रहा है। भाकियु के देवी सिंह, विरेंद्र सिंह, आदि ने कहा कि निगम के अधिकारियो ने गांव मे तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी है।