दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ को एक करने की पहल शुरु

दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ को एक करने की पहल शुरु
  • जून माह से संस्था में शिक्षण कार्य आरंभ करने का निर्णय

देवबंद [24CN] :  इस्लामी तालीम के सबसे बड़े मरकज दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा की अंतिम और पांचवें चरण की बैठक में पिछले ४० वर्षों से अलग अलग रहकर शिक्षण कार्य कर रहे दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ को करीब लाने के लिए बड़ी पहल की गई है। इसके लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को साथ लेकर छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

बुधवार को दारुल उलूम के मेहमानखाने में हुई अंतिम चरण की बैठक में अब तक के सबसे बड़े विवाद पर विराम लगाने को लेकर बड़ी पहल की गई है। ४० सालों से दूर दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ के करीब लाने के लिए शूरा की बैठक में छह सद्यीय कमेटी का गठन किया गया। जिसमें दारुल उलूम के सदर मुदरर्सि एवं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, दारुल उलूम मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, शूरा सदस्य मौलाना अनवारुल हक एवं वक्फ दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, नायब मोहतमिम मौलाना शकेब कासमी और मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी को शामिल किया गया है। उक्त कमेटी दोनों संस्थाओं को करीब लाने और मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगी।

इतना ही नहीं शूरा की बैठक में दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी व नायब मोहतमिम मौलाना शकेब कासमी को मेहमान सदस्य के रुप में निमंत्रण दिया गया। जिसे उन्होंने स्वीकार कर बैठक में शिरकत की। शूरा के सदस्यों ने उनका खुले दिल से स्वागत किया। वहीं, बैठक में आगामी सत्र जून माह से आरंभ करने तथा नये दाखिले न लेने का निर्णय लिया गया। २४ मई तक छात्रों को संस्था में आने का एलान जारी किया गया। शूरा सदस्यों ने बैठक में कोरोना संक्रमण के दौरान लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए संस्था में निर्माण कार्याे का आरंभ करने का निर्णय पर भी मोहर लगाई। साथ ही नगर में चलाए जा रहे १० छोटे मदरसों के स्थान पर अब १४ नए मदरसें चलाने का निर्णय लिया।

बैठक में यह लोग रहे मौजूद

दारुल उलूम मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासमी, मौलाना अनवारुल हक बिजनौरी, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना अहमद खानपुरी, मौलाना अरशद मदनी सहित आदि सदस्य मौजूद रहे। इनके अलावा मेहमान सदस्य के रुप में दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, नायब मोहतमिम मौलाना शकेब कासमी और मौलाना इकबाल शामिल हुए।