किसानों को दी प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी

- सहारनपुर में पाठशाला में किसानों को खेती की जानकारी देते प्राविधिक सहायक।
सहारनपुर। किसान पाठशाला में किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के उपलक्ष में मोटे अनाज की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बलियाखेड़ी विकास खंड के गांव ककराला में मिलियन फार्मर्स पाठशाला में किसानों को मोटे अनाज की खेती जैसे रागी, पौदो, सावा, ज्वारा, बाजरा की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें किसानों को बताया गया कि मिलेट्स एक सुपर फूड है जिसमें विटामिन्स, एंजाइम, सोलूबल फाइबर, पोटेशियम, मैगनीशियम, जस्ता आदि खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके प्रयोग से शरीर का मेटाबोलिजम बैलेंस रहता है तथा पौष्टिक दृष्टि से यह गेहूं व चावल से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
वरिष्ठ प्राविधिक सहायक बिजेंद्र कुमार ने किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती देशी गाय के गोबर व मूत्र पर आधारित है। एक देशी गाय के गोबर व मूत्र से एक किसान तीन एकड़ भूमि पर खेती कर सकता है। इस दौरान किसानों को जीवामृत पंचगव्य, बीजामृत घन, जीवामृत आदि बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी गई।
इस दौरान वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सतीश कुमार, विपिन कुमार, प्रगतिशील किसान सतपाल ने भी किसानों को खेती के बारे में जानकारी दी। इस दौरान रणधीर सिंह, इंद्रपाल, ओमपाल, इरफान, अंजुल, अमित, रोहित, हरफूल, रामपाल, सीताराम, प्रदीप, श्याम सिंह, नैनसिंह, सुनील, हरिसिंह, कर्मसिंह, जगपाल सिह, सुंदरलाल, विपिन आदि किसान मौजूदरहे।