छात्र-छात्राओं को दी उद्योग सम्बंधी जानकारी

छात्र-छात्राओं को दी उद्योग सम्बंधी जानकारी
  • सहारनपुर में उद्योग सम्बंधी कार्यशाला में मौजूद छात्र-छात्राएं।

सहारनपुर [24CN]। उद्योग-अकादमिक एकीकरण एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में वित्तीय शिक्षण कार्यशाला में सेबी के अधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।

जेवी महाविद्यालय में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा आयोजित उद्योग- अकादमिक एकीकरण एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित वित्तीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सेबी के रिसोर्स पर्सन विपिन सिंघल ने जेवी जैन महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को धन प्रबंधन, बचत, निवेश व स्वरोजगार से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।

विपिन सिंघल ने सरकारी योजनाओं पीएमईजीपी, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, कन्या सुमंगला योजना, मुद्रा योजना, मिशन स्वावलम्बन, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना आदि के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रकार के वित्तीय प्रश्नों व समस्याओं का भी समाधान किया। सिंघल ने एजुकेशन लोन, जन-धन बैंक बचत खाते में धन न होने पर 10 हजार रूपए तक की बिना ब्याज के ओवर ड्राफ्ट निकासी की सुविधा लेने, अटल पेंशन योजना, श्रम योगी मानधन योजना एवं राष्ट्रीय पेंशन योजना में भी कुछ बचत कर भविष्य सुरक्षित करने के बारे में जानकारी प्रदान की गई। महाविद्यालय के अकादमिक-एकीकरण एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ की संयोजिका डा. ममता सिंघल ने इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमर कंटक मध्य प्रदेश द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम आकार के उद्योग स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के कौशल प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप में नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने बताया कि यह ऑनलाइन प्रशिक्षण 4 से 14 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा जिसमें युवाओं को राष्ट्रीय स्तर के कौशल प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप का प्रमाण पत्र केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं भारत सरकार के प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदान किया जाएगा जिसका उपयोग छात्र- छात्राएं बैंकिंक सिस्टम से सहायता लेने, क्वालिटी लाइसेंस एवं ट्रेडमार्क आदि में उपयोग कर सकेंगे। इस दौरान प्राचार्य डा. वकुल बंसल, डा. श्वेता बंसल, डा. विजय राणा, नारायण शर्मा, आर्यव्रत, कोमल, मृत्युंजया आदि मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन डा. ममता सिंघल ने किया।