भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं: प्रधानमंत्री मोदी

भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं: प्रधानमंत्री मोदी

New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा में हैं. यहां मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। आज देश उस कमी को पूरा कर रहा है। भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी।दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, ये हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है। मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और दे​श​भक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है। गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे। वह किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया लेकिन हौसला कभी नहीं खोया। PM मोदी ने कहा  भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होगा। हमारी आजादी की लड़ाई का पग-पग, इतिहास का पन्ना-पन्ना आदिवासी वीरता से भरा पड़ा है।

गोविंद गुरु का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है। और उनकी सम्प सभा, यानि समाज के हर तबके में सम्प भाव पैदा हो, सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं।  1780 में संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम लड़ा गया। 1830-32 में बुधू भगत के नेतृत्व में देश लरका आंदोलन का गवाह बना। 1855 में आजादी की यही ज्वाला सिधु-कान्हू क्रांति के रूप में जल उठी। भगवान बिरसा मुंडा ने लाखों आदिवासियों में आजादी की ज्वाला प्रज्ज्वलित की। आज से कुछ दिन बाद ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। आदिवासी समाज के अतीत और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि अशोक गहलोत जी और मैंने मुख्यमंत्री के रूप में साथ काम किया था। वह हमारे बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे, आज भी यहां मंच पर बैठे सभी मुख्यमंत्रियों में से अशोक जी सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री में से एक हैं. मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है  जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है.


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