शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में भारतीय शिक्षा समागम जुलाई, 2022 कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण किया गया

 शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में भारतीय शिक्षा समागम जुलाई, 2022 कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण किया गया

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में दिनांक 7-07-2022 दिन बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में 3 दिवसीय शिक्षा शिखर सम्मेलन, अखिल भारतीय शिक्षा समागम 7-9 जुलाई, 2022 कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का ऑनलाइन प्रसारण किया गया।

इस कार्यक्रम में शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, गैर-शैक्षिणिक कर्मचारी एवं अनेक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम प्रमुख भारतीय उच्च शैक्षणिक संस्थानों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने में रणनीतियों, सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा, विचार-विमर्श और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए रखा गया था। देश की लिए यह बहुत गर्व की बात है कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी ने 7 जुलाई, 2022 को इस अवसर पर शोभा बढ़ाने और उद्घाटन भाषण देने की बहुत कृपा की है। इस समागम के माध्यम से देश के अनेक शिक्षाविद, शोधकर्ता, नीति निर्माता, पेशेवर और शैक्षिक विशेषज्ञ एनईपी 2020 के विविध दृष्टिकोणों और उच्च शिक्षा को बदलने में इसकी भूमिका पर पूरे देश से विचार-विमर्श रखेंगे। 7 से 9 जुलाई की अंतर्गत इस शिखर सम्मेलन में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण, डिजिटल सशक्तिकरण और ऑनलाइन शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता, गुणवत्ता, रैंकिंग और प्रत्यायन, समान और समावेशी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर सत्र शामिल होंगे। इस समागम का उद्घाटन 7 जुलाई, 2022 को डीडी न्यूज पर दोपहर 2.30 बजे से सीधा प्रसारण किया गया और यूजीसी के ट्विटर हैंडल पर भी यूजीसी यूट्यूब चैनल पर वेबकास्ट किया गया।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने सर्वप्रथम देश के माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया और कहा कि शिक्षा हमारे देश की प्रगति के लिए बहुत ज़रूरी है। हमारे देश में शहरों की तुलना में गाँव के लोग कम शिक्षित होते हैं। शिक्षा हमारी खुद की और देश की प्रगति में मदद करती है। इसलिए हमें इसमें सुधार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए जिससे आने वाले भविष्य के लिए हम सब मिलकर समाज में शिक्षा के प्रति एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकें।