नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने फिर कायराना हरकतें शुरू कर दी हैं। चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने क्षेत्र में 50 हजार से अधिक सैनिकों को तैनात करने के बाद बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है, जो वहां भारतीय चौकियों के करीब उड़ान भर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि चीनी सेना की ड्रोन गतिविधियां ज्यादातर दौलत बेग ओल्डी सेक्टर, गोगरा हाइट्स और क्षेत्र के अन्य जगहों पर दिखाई दे रही है। चीन की इन हरकतों पर भारतीय सेना की पैनी नजर है।
भारतीय सेना भी मुस्तैद
भारतीय सेना भी विभिन्न संसाधनों का इस्तेमाल करके चीन की इन हरकतों पर निगरानी रख रही है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना बेहद सतर्क है। वह भी बड़े पैमाने पर ड्रोन तैनात कर रही है। जल्द ही वह नए इजरायली और भारतीय ड्रोन को शामिल करेगी। इन ड्रोन को सीमा पर चीन की चुनौती का सामना करने के लिए आपात वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करके रक्षा बलों की ओर से अधिग्रहित किया गया है।
स्थाई ठिकाने बना रहा चीन
एलएसी पर मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए सूत्रों ने बताया कि अब फ्रिक्शन प्वाइंट के मसले को हल करने की जरूरत है। सूत्रों ने बताया कि चीन अभी भी चुप नहीं बैठा है वह अपने सैनिकों के लिए अपने अस्थायी ढांचों को स्थायी ठिकानों के रूप बदल रहा है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में तिब्बती गांवों के पास चीन ने सैन्य शिविर बनाए हैं।
कंक्रीट की इमारतों का कर रहा निर्माण
गौर करने वाली बात यह है कि चीनी सेना की ओर से ये कैंप कंक्रीट की इमारतों के रूप में बनाए जा रहे हैं। सूत्रों का साफ कहना है कि चीन की ये कारगुजारियां उसके इरादे को प्रत्यक्ष तौर पर दिखा रही हैं। चीन लंबे समय तक अपने सैनिकों की तैनाती को बनाए रखना चाहता है।
अपने इलाके में शुरू कर दिया था काम
सूत्रों ने एक और गंभीर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भी पिछले साल ही चीन ने अपने इलाके में काम शुरू कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि सर्दियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चीन की ओर से अभी भी कई स्थानों पर निर्माण के काम चल रहे हैं।
पूरी तरह से वापस नहीं बुलाई टुकड़ियां
चौंकाने वाली बात यह भी है कि चीन ने तनाव वाले कुछ इलाकों से अपने सैनिक भले ही हटा लिए हैं लेकिन अप्रैल 2020 से तैनात अपने किसी भी सैन्य टुकड़ी को सीमा पर अपने क्षेत्र से पूरी तरह वापस नहीं बुलाया है। मौजूदा वक्त में चीनी सेना भारतीय सीमा के पास अपने सैनिकों की लंबी अवधि की तैनाती के एजेंडे पर काम कर रही है।
क्या है चीन का इरादा
चीन की मंशा कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीनी सेना भारतीय सीमा के पास तिब्बत के गांवों में सैन्य ठिकानों के निर्माण में भारी निवेश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि चीन इन सुविधाओं का निर्माण इसलिए कर रहा है ताकि उसकी सेना को एक रक्षा पंक्ति के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। यही नहीं चीन की मंशा इन सुविधाओं में तैनाती के लिए अपनी सेना में भर्ती करने की भी है। चीन अपने एजेंडे में तेजी लाने के लिए इन पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को आकर्षित कर रहा है।