मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे भारत-चीन, जानिए मोदी-जिनपिंग मुलाकात की हर एक बात

मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे भारत-चीन, जानिए मोदी-जिनपिंग मुलाकात की हर एक बात

खास बातें

  • मोदी-जिनपिंग के बीच बैठक में नहीं हुई कश्मीर मुद्दे पर बात
  • अगली शिखर वार्ता चीन में, जिनपिंग ने मोदी को दिया न्योता
  • व्यापार और निवेश में सहयोग के लिए बनेगा मंत्री स्तरीय तंत्र
  • आतंक से मिलकर लड़ने और व्यापार घाटा दूर करने सहमति

अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे दिन ऐतिहासिक तटीय शहर में भारत-चीन के बीच आपसी सहयोग का नया अध्याय शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को आतंकवाद सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान दोनों देश मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने, एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहने और उन्हें विवाद का रूप नहीं देने पर सहमत हुए।

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दो दिन में करीब सात घंटे की इस वन-टू-वन वार्ता के दौरान मुख्य मुद्दा द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आपसी विश्वास और मजबूत करना रहा। व्यापारिक रिश्ते और निवेश बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने का फैसला हुआ। वहीं, भारत की कूटनीतिक सफलता यह रही कि इस दौरान कश्मीर मुद्दा नहीं उठा। 24 घंटे की भारत यात्रा के बाद जिनपिंग शनिवार दोपहर नेपाल के लिए रवाना हो गए।

विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया, दो दिनों में मोदी और जिनपिंग के बीच कई सत्रों में बातचीत हुई। वुहान शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति पर केंद्रित यह वार्ता खुले माहौल में सौहार्द्रपूर्ण रही। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, चेन्नई कनेक्ट के जरिये दोनों देशों के बीच दोस्ती का नया युग शुरू होने जा रहा है।

गोखले ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने शानदार मेहमाननवाजी के लिए आभार जताते हुए अगली अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए पीएम मोदी को चीन आने निमंत्रण दिया, जिसे पीएम ने स्वीकार कर लिया। इसका कार्यक्रम बाद में घोषित होगा। इससे पहले मोदी-जिनपिंग के बीच 90 मिनट की वन-टू-वन वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने महसूस किया कि दोनों देशों को महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करना चाहिए।

‘ड्रैगन’ और ‘हाथी’ के लिए कदमताल सही विकल्प : जिनपिंग

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दीर्घकालीन योजना का आह्वान करते हुए कहा कि द्विपक्षीय मतभेदों का असर दोनों देशों के सहयोग पर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘ड्रैगन’ और ‘हाथी’ की कदमताल ही सही विकल्प है।

पीएम मोदी के साथ मामल्लापुरम में अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से लिखा। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा, हमें दोनों देशों के बीच मूल हितों के मुद्दों को सावधानीपूर्वक हल करना चाहिए। हमें ठीक से उन समस्याओं या मुद्दों का प्रबंधन करना चाहिए, जिन्हें समय रहते हल नहीं किया जा सकता।

दोनों देशों का साथ मिलकर चलना बेहद जरूरी है। जिनपिंग ने वुहान शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और चीन के संबंध स्थायी विकास के नए युग में प्रवेश कर चुके हैं और बैठक के सकारात्मक प्रभाव लगातार दिख रहे हैं। हमें एक दूसरे के विकास को सही नजरिये से देखना चाहिए और रणनीतिक पारस्परिक विश्वास बढ़ाना चाहिए।

अगले कुछ साल दोनों देशों के लिए अहम

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाले कुछ साल दोनों देशों के लिए काफी अहम होंगे। भारत और चीन को निश्चित रूप से दोस्ताना सहयोग के रास्ते पर चलना चाहिए। सीमा विवाद पर उन्होंने कहा कि समझौते के तहत सीमा मुद्दे का उचित समाधान तलाशेंगे, जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो। इसके साथ ही जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच सैन्य सुरक्षा स्तर पर सहयोग में सुधार की बात कही।

व्यापार घाटा कम करने पर चीन गंभीर

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भारत ने 2018-19 में चीन के साथ 53 अरब डॉलर के व्यापार घाटे का मुद्दा उठाया। चीन ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा करने और ठोस कदम उठाने को तैयार है। दोनों देशों ने व्यापार, निवेश तथा सेवा संबंधी मुद्दों के लिए मंत्रिस्तरीय तंत्र स्थापित करेंगे।

चीन से उप प्रधानमंत्री हु छुन ह्वा और भारत से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसका नेतृत्व करेंगी। इसकी रूपरेखा राजनयिक चैनलों के जरिए तय होगी। दोनों के बीच विनिर्माण क्षेत्र के संबंध बढ़ाने पर भी बात हुई। जिनपिंग ने आईटी और फार्मा क्षेत्र में भारतीय निवेश का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों को इस संदर्भ में नए तंत्र के तहत पहली वार्ता शुरू करने को कहा।

आतंकवाद पर मिलकर लड़ेंगे दोनों देश

दोनों नेता इस बात पर सहमत हैं कट्टरता भारत-चीन सहित दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है और इससे साथ मिलकर निपटा जाना चाहिए, ताकि कट्टरवाद और आतंकवाद दोनों देशों के बहु सांस्कृतिक, बहु जातीय, बहु धार्मिक समाजों को प्रभावित नहीं कर पाए।

आरसीईपी पर बताई भारत की चिंता

पीएम मोदी ने क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और कहा, कारोबार, सेवा-निवेश में संतुलन होना चाहिए। इस पर जिनपिंग ने कहा, इन चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा। चीन असंतुलन कम करने को तैयार है।

सीमा विवाद में विश्वास बहाली

प्रतिनिधिमंडल वार्ता में सीमा विवाद का मुद्दा भी उठा। दोनों देश इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आपसी विश्वास बहाली को और मजबूत करने पर सहमत हुए। जिनपिंग ने रक्षा क्षेत्र में संबंध बढ़ाने की बात कही। इससे दोनों देशों की सेनाओं में विश्वास बढ़ेगा। रक्षामंत्री जल्द चीन का दौरा करेंगे।

सांस्कृतिक संबंध, हर हफ्ते कार्यक्रम

अगले साल भारत-चीन के बीच रिश्तों के 70 साल पूरे होंगे। इस मौके पर 70 कार्यक्रम किए जाएंगे। इनमें आधे भारत और आधे चीन में होंगे। इस दौरान हर सप्ताह भारत या चीन में इससे जुड़ा एक कार्यक्रम होगा।

कश्मीर पर बात नहीं, इमरान का जिक्र

कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के बारे में पूछे जाने पर गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। भारत स्पष्ट कर चुका है कि यह हमारा आंतरिक मामला है। इस सवाल पर कि क्या दोनों नेताओं ने सीमापार आतंकवाद पर चर्चा की, गोखले ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में केवल यही मुद्दा नहीं है। जिनपिंग ने मोदी को पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के हालिया चीन दौरे के बारे में बताया, जिसे उन्होंने ‘सुन लिया’।

पर्यटन और कैलाश मानसरोवर पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। दोनों नेताओं के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु और चीन के फुचियान के बीच संबंध बढ़ाने पर जोर दिया। फुचियान में हाल ही में तमिल कलाकृतियां मिली थीं। प्रधानमंत्री दक्षिण भारत और चीन के बीच रिश्ते आगे बढ़ाने के लिए इससे अहम माना।

वुहान समिट के बाद हमारे रिश्तों और मजबूती आई है। भारत-चीन दो हजार साल में ज्यादातर वैश्विक आर्थिक शक्ति रहे हैं। इस शताब्दी में हम धीरे-धीरे उस दौर में लौट रहे हैं। हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
मैं मेहमाननवाजी से बहुत अभिभूत हूं और मेरे लिए यह यादगार अनुभव है। भारतीय पीएम ने वुहान की पहल की थी और यह बहुत अच्छी कोशिश साबित हो रही है। भारत और चीन एक दूसरे के पड़ोसी हैं, हमने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की।
शी जिनपिंग, चीनी राष्ट्रपति
पीएम मोदी ने समुद्र तट से कूड़ा उठाकर दिया स्वच्छता संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार सुबह सैर के दौरान समुद्र तट पर स्वच्छता का संदेश दिया। मोदी ने स्वयं प्लास्टिक का कूड़ा, पानी की बोतलें और अन्य कचरा उठाया। पीएम ने ट्विटर पर तीन मिनट का वीडियो जारी किया, जिसमें वह कूड़ा उठाते नजर आए। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक स्थानों को साफ और सुंदर रखने की अपील की।

प्रियंका सोहानी ने गिराई मोदी-जिनपिंग के बीच भाषाई दीवार

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान एक महिला ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। दो दिवसीय वार्ता के दौरान यह महिला साये की तरह पीएम मोदी के साथ मौजूद रही और जिनपिंग से मुलाकात में काफी अहम भूमिका निभाई।

यह महिला थीं आईएफएस अधिकारी प्रियंका सोहानी, जिन्होंने पीएम मोदी की बातों को मंदारिन (चीनी भाषा) में अनुवाद कर जिनपिंग तक पहुंचाया। इसी तरह जिनपिंग ने मंदारिन में जो कहा, उसे पीएम मोदी को हिंदी में बताया। सोहनी के रहते ही दोनों नेताओं को एक-दूसरे की बात समझने में कोई परेशानी नहीं हुई।

मुलाकात के दौरान जब चीनी राष्ट्रपति ने कई स्मारकों और भारतीय संस्कृति के बारे में जानना चाहा तो प्रियंका ने उन्हें समझाने में मदद की। सोहानी 2012 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं और उन्हें विदेश मंत्रालय के बेस्ट ट्रेनी ऑफिसर का गोल्ड मेडल मिल चुका है। उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह ने बिमल सान्याल पुरस्कार से सम्मानित किया था।

चीन में भारतीय दूतावास में हैं तैनात

प्रियंका सोहानी महाराष्ट्र से यूपीएससी में सफल होने वाले लोगों में तीसरे नंबर पर थीं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 26 रैंक हासिल की थी। वह साल 2016 से चीन में भारतीय दूतावास में तैनात हैं। सोहानी का मानना है कि विदेश नीति का यह दौर काफी व्यापक और तेजी से बदल रहा है, जिसमें अधिकारियों को कदम से कदम मिलाकर चलने की जरूरत है।

भारत ने चीनी पर्यटकों को ई-वीजा नियमों में दी ढील

भारत ने ज्यादा से ज्यादा चीनी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ई-वीजा नियमों में ढील देने की घोषणा की है। भारतीय दूतावास ने शनिवार को बताया, भारत ने चीनी सैलानियों के लिए एकाधिक प्रवेश सुविधाओं के साथ पांच साल के टूरिस्ट ई-वीजा की घोषणा की। इससे दोनों देशों के बीच लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ेगा और इससे पर्यटन स्थल के तौर पर चीनी पर्यटक भारत को चुनने को प्रोत्साहित होंगे।

पिछले साल भारत आए 2.5 लाख चीनी पर्यटक

गौरतलब है कि भारत पहले से ही चीनी पर्यटकों को ई-वीजा की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। फिर भी, चीनी पर्यटकों की संख्या में कुछ खास इजाफा नहीं हुआ है। पिछले साल सिर्फ ढाई लाख चीनी सैलानी भारत आए थे, जबकि भारत से साढ़े सात लाख पर्यटक चीन गए थे। अब फिर चीनी नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा में ढील दी गई है।

महाबलीपुरम चुनने के लिए पलानीस्वामी ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक बैठक के लिए मामल्लापुरम (महाबलीपुरम) का चयन करने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने पीएम को विश्व के नेताओं के बीच ‘बड़ा नेता’ करार दिया।

पलानीस्वामी ने शनिवार को कहा, सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस शिखर वार्ता के लिए ऐतिहासिक मामल्लापुरम का चुनाव करने के लिए तमिलनाडु के लोगों की ओर से धन्यवाद देता हूं। दुनिया के नेताओं के बड़े नेता मोदी ने इस ऐतिहासिक शहर का चुनाव कर वैश्विक परिदृश्य में तमिलनाडु का कद ऊंचा कर दिया है। इससे दुनिया का ध्यान राज्य की ओर गया है।

चेन्नई एयरपोर्ट पर पहली बार उतरे दो जंबो जेट

चेन्नई एयरपोर्ट ने पहली बार कोड एफ श्रेणी के दो जंबो जेट विमानों की अगवानी की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनका प्रतिनिधिमंडल इन दो विमानों में शुक्रवार को चेन्नई पहुंचा था। एयरपोर्ट की ओर से शनिवार को ट्वीट किया गया, चेन्नई एयरपोर्ट के लिए यह ऐतिहासिक और गौरवशाली मौका था, जब पहली बार दो बोइंग 747 व 800 जंबो यात्री विमान यहां उतरे। इसके साथ ही एयरपोर्ट की ओर से एयर चाइना के विमानों की तस्वीरें भी साझा की गईं।

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