चीन को उसी की भाषा में जवाब देगा भारत, पीएम मोदी ने सैनिकों को दी इमरजेंसी Power !
नई दिल्ली : 15-16 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के कमांडिग अफसर (कर्नल) सहित 20 जवान शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में 43 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की और कई चीनी सैनिकों की गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर है। शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों में अभी तक कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पलानी और सिपाही कुंदन ओझा के नाम सामने आये हैं। मंगलवार शाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, तीनों सेना चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी को मामले की जानकारी दी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, चीन की इस हिमाकत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैनिकों को खुली छूट दे दी है।
पीएम मोदी ने दी खुली छूट!
सरकारी सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों की भाषा में जवाब देने के लिए कह दिया है। चीनी सेना से निपटने के लिए पीएम मोदी ने सैनिकों को इमरजेंसी पावर भी दे दी है। साथ ही में भारतीय सैनिकों को सरकार के पूर्ण समर्थन का भी विश्वास दिलाया है। दूसरी और भारत चीन से डिप्लोमेटिक स्तर पर चीन से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी।
600 सैनिको के बीच हुई थी खूनी झड़प
लद्दाख के गलवान घाटी और पांगोंग त्सो लेक में इस समय लगभग 10,000 सैनिक मौजूद हैं। अप्रैल के तीसरे सप्ताह से गलवान घाटी में चीनी सेना का जमवाड़ा लगना शुरु हो गया था। तब से चीनी सेना यहाँ संख्या में गोला बारुद ला रहे थे। सोमवार की शाम चीनी सेना का पीछे हटना तय हुआ था लेकिन हटने की बजाय चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर लोहे की रॉड, पत्थर और कील लगे डंडों से हमला कर दिया। चीनी सैनिकों के इस हमले का जवाब देने के लिए भारी संख्या में भारतीय सैनिक घटना स्थल पर पहुंच गए। 600-700 सैनिकों के बीच यह हिंसक झड़प देर रात तक चलती रही। कहा जा रहा है इस दौरान कई सैनिक गहरे नाले में गिर गए। अभी तक बताया जा रहा है कि इस पूरी घटना में गोला बारुद का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
कारगिल जैसा हमला ?
हाल ही मीडिया में रिपोर्ट्स आई थी कि चीन लद्दाख पर कारगिल जैसा हमला करने वाला है और बताया गया था कि चीनी सैनिक रात में होने वाली जंग का भी अभ्यास कर रहे हैं। भारत ने भी आक्रामक नीति अपनाते हुए अपनी ओर ‘दर्पण तैनाती’ कर दी है, जिसमें चीन के हर कदम की बराबरी की गई है। चीन लंबे वक्त से भारत-चीन सीमा यानी LAC पर खुद को मजबूत करने में लगा हुआ है।
लद्दाख तनाव पर दुनिया हुई परेशान
भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प पर यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जताते हुए दोनों ही देशों से संयम बरतने की अपील की है। वहीँ अमेरिका की और से ब्यान आया है कि वह पूरे हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है और अमेरिका ने हिंसक झड़प में शहीद हुए भारत के 20 जवानों के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।