‘भारत ने ब्रह्मोस दाग दिया, हम जवाब देने से पहले ही चौंक गए’ — पाक पीएम शहबाज शरीफ का बड़ा कबूलनामा

नई दिल्ली: भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अब पाकिस्तान की चुप्पी टूट गई है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक कार्यक्रम में कबूल किया कि भारत के हमले ने उन्हें पूरी तरह चौंका दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत ने 9-10 मई की रात ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, और पाकिस्तान की सेना को प्रतिक्रिया देने का मौका तक नहीं मिला।
शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
अजरबैजान में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए शरीफ ने कहा,
“हमारी सेना सुबह फज्र की नमाज के बाद जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार थी, लेकिन उससे पहले ही भारत ने हमला बोल दिया। भारत ने रावलपिंडी एयरबेस समेत कई अहम सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया।”
उन्होंने बताया कि हमले की सूचना उन्हें पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर (जो अब फील्ड मार्शल बनाए गए हैं) ने दी। शहबाज शरीफ के अनुसार, भारत ने बेहद सटीक और तेजी से वार करते हुए पाकिस्तान की योजना को विफल कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का जवाबी हमला
पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई थी) के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।
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9 और 10 मई की दरम्यानी रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए।
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100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
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जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।
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भारत ने फिर से ब्रह्मोस मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई एयरबेस और रडार सिस्टम को ध्वस्त कर दिया।
पाकिस्तान क्यों झुका?
भारत के हमलों से पाक सेना और सरकार में अफरा-तफरी मच गई। पाक वायुसेना के बेस तबाह हो चुके थे, और रडार नेटवर्क भी नष्ट हो गया था। हालात इतने बिगड़े कि पाकिस्तान को अपने हवाई क्षेत्र में सिविलियन विमानों की उड़ानें चालू रखनी पड़ीं, ताकि भारत को भ्रम में डाला जा सके और सैन्य हमले रोके जा सकें।
इसके बाद पाकिस्तान ने अचानक सीजफायर का प्रस्ताव दिया। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान को इस बात का अंदेशा हो गया था कि अगर भारत का हमला जारी रहा, तो उसकी सैन्य संरचना को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
क्यों मायने रखता है यह बयान?
शहबाज शरीफ का यह कबूलनामा न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं की पुष्टि करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई में भारत अब सिर्फ निंदा नहीं, ठोस कदम उठा रहा है। यह बयान पाकिस्तान की पारंपरिक इनकार नीति से हटकर सच्चाई को स्वीकार करने की दिशा में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।