समुद्र में फंसा मॉरीशस का जहाज, तेल रिसाव रोकने के लिए भारत ने ऐसे की मदद

नई दिल्ली मॉरीशस में 7 अगस्त को एनवायरमेंटल इमेर्जेंसी की स्थिति पैदा हो गई थी। मॉरीशस के एक पोत में तेल का रिसाव होने के बाद मदद की गुजारिश पर भारत ने मदद भेजी। भारत सरकार ने वायुसेना के हेलिकॉप्टर IAF C-17 के जरिए 30 टन टेक्निकल उपकरण और सामग्री भेजी ताकि तेल रिसाव के संकट से मॉरीशस को निजात दिलाई जा सके। ये उपकरण भारतीय तटरक्षक बल ने मुहैया कराए।
तेल रिसाव की समस्या से निपटने में दक्ष भारतीय तटरक्षक बल की 10 सदस्यीय टीम को भी इस संकट से निपटने के लिए तैनात किया गया। भारतीय वायुसेना के विमान से 10,000 उच्च क्षमता वाले तेल शोषित करने वाले पैड भी भेजे गए जिसे विशेष रूप से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने खरीदा है। मॉरीशस को तेल रिसाव के संकट से निपटने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने इसकी सप्लाई की।
असल में, 25 जुलाई, 2020 को एक मालवाहक पोत एमवी वाकाशियो, मॉरीशस के दक्षिण पूर्वी हिस्से में पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और प्रमुख पर्यटन स्थल के करीब फंस गया था। जापान की शिपिंग कंपनी मेसर्स ओकिओ मैरीटाइम कॉर्प के स्वामित्व वाली 300 मीटर लंबा जहाज ब्राजील जा रहा था। इसमें लगभग 4000 मीट्रिक टन ईंधन भरा हुआ था।
खराब मौसम की वजह से यह पोत समुद्र में फंस गया और पोत में लीकेज हो गया। तेल की निकासी मुमकिन नहीं हो पा रही थी। तेल रिसाव को देखते हुए मॉरीशस सरकार ने 7 अगस्त को एनवायरमेंटल इमेर्जेंसी का ऐलान कर दिया।
भारत ने कैसे की मदद
इस मसले को लेकर मॉरीशस में भारतीय उच्चायोग शुरुआत से ही मॉरीशस के अधिकारियों के संपर्क में रहा। इस आपातकालीन हालात से निपटने के लिए मॉरीशस के अधिकारियों ने बैठक की और इस बात पर विचार विमर्श करना शुरू किया कि इस संकट से कैसे निपटा जाए। इस बात पर विचार किया गया जाने लगा कि स्थानीय तौर पर बचाव कार्य किसकी मदद से शुरू किया जाए।
मॉरीशस को मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा मंत्रालय के बीच तत्काल समन्वय स्थापित किया गया। वक्त से मदद मुहैया कराने के लिए विदेश सचिव स्थिति का जायजा लेने को लेकर सीडीएस के संपर्क में रहे। इसके बाद भारत सरकार ने वायुसेना के हेलिकॉप्टर IAF C-17 के से 30 टन टेक्निकल उपकरण और सामग्री भेजी जिससे तेल रिसाव के संकट से मॉरीशस को राहत मिल सके।