भारत-चीन तनाव: सेना अलर्ट, मोदी की सभी दलों संग बैठक, कुछ बड़ी तैयारी?

भारत-चीन तनाव: सेना अलर्ट, मोदी की सभी दलों संग बैठक, कुछ बड़ी तैयारी?

 

  • पीएम मोदी ने चीन मुद्दे पर 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक
  • माना जा रहा है कि पीएम मोदी चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति के बारे में दलों को बताएंगे
  • गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष में भारत के 20 जवान हुए हैं शहीद
  • इस बची, खबरें है कि सेना, वायुसेना और नेवी को हाई अलर्ट पर रखा गया है

नई दिल्ली
लद्दाख के गलवान घाटी (galwan valley standoff ) में सोमवार रात चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद भारत पेइचिंग को घेरने के लिए कई मोर्चे पर तैयारी कर रहा है। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चीन के मुद्दे पर 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस वर्चुअल बैठक में पीएम मोदी देश के राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से चीन के मसले पर बात करेंगे और उन्हें मौजूदा स्थिति की जानकारी दे सकते हैं। हालांकि पीएम की इस बैठक पर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। इस बीच, सूत्रों के अनुसार सेना, वायुसेना और नेवी को अलर्ट कर दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी कुछ बड़ा सोच रहे हैं।

सर्वदलीय बैठक बुलाने का मतलब
माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में चीन (india and china clash )सीमा पर मौजूदा हालात की जानकारी दे सकते हैं। कई विपक्षी दल केंद्र सरकार से चीन सीमा पर चल रही गतिविधियों की जानकारी मांग रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बारे में जानकारी मांगी थी। इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस बैठक में पीएम विपक्षी दलों के साथ आगे की रणनीति पर मंथन कर सकते हैं। यह भी हो सकता है कि मोदी कोई बड़ा कदम उठाने वाले हों और इसपर विपक्षी दलों को भरोसे में लेना चाहते हों।

चीनी सीमा पर मोदी की बड़ी योजना?
लद्दाख में पिछले एक महीने से जारी भारत-चीन तनाव अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में हो सकता है कि पीएम मोदी चीन सीमा पर कोई बड़ी योजना बना रहे हों। कहा जा रहा है कि भारत चीन की गलवान घाटी में की गई हिमाकत का बदला जरूर लेगा। इसमें चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक फैसले से लेकर कूटनीतिक और सैन्य फैसला तक संभव हो सकता है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। माना जा रहा है कि भारत अपने सैनिकों के गंवाने के बाद हर स्तर पर जाने को विचार कर सकता है।

1962 में चीन ने दिया भारत को धोखा

  • 1962 में चीन ने दिया भारत को धोखा

    चीनी सेना और भारत के बीच जंग। बाद में चीन ने एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की और वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने सैनिकों को 20 किलोमीटर पीछे किया।
    अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के जवानों के बीच गोलीबारी। भारत के 4 जवान शहीद। चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना का ऑपरेशन फाल्कन अभियान। बाद में बातचीत के बाद तनाव खत्म।
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    पाकिस्तान के साथ करगिल युद्ध के दौरान चीन ने पैंगोंग शो झील के दक्षिणी किनारे तक 5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई।
  • चीनी सैनिक कई बार कर चुके हैं सीमा का उल्लंघन

    2000 में चीनी सैनिकों ने सीमा का उल्लंघन किया और भारतीय इलाके में पक्की सड़क बना ली। यही नहीं, चीन ने इस इलाके में बंकर भी बना लिए।
    डोकलाम में ट्राइजंक्शन के में चीनी सैनिकों ने सड़क बनाने की कोशिश की थी। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का यहां जबरदस्त विरोध किया और चीनी सेना को पीछने हटना पड़ा।

ITBP जवानों की तैनाती बढ़ी
चीन सीमा से लगते लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम तक भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की तैनाती बढ़ा दी गई है। इन इलाकों में ITBP की गश्ती को बढ़ा दिया गया है। सुरक्षाबलों को चीन की किसी भी हिमाकत का भरपूर जवाब देने को कहा गया है।

सेना, वायुसेना और नेवी अलर्ट
उधर, सूत्रों के मुताबिक सेना, वायुसेना और नौसेना को उच्चतम स्तर पर अलर्ट रहने को कहा गया है। सभी सेनाओं को बुरी से बुरी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सेना, वायुसेना और नेवी उच्चतम स्तर के अलर्ट पर हैं और बताया जा रहा है कि हथियारों का मूवमेंट भी शुरू हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि लोकल कमांडरों को चीन से निपटने के लिए खुली छूट दे दी गई है। सूत्रों ने यह भी बताया कि ITBP को सेना के नियंत्रण में भी लाया जा सकता है।


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