भारत और अमेरिका वैश्विक अजेंडा को आकार देने में सक्षम: जयशंकर

भारत और अमेरिका वैश्विक अजेंडा को आकार देने में सक्षम: जयशंकर

नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका को वाणिज्य संबंधों में लंबित समस्याओं का समाधान करने और बड़े नजरिए की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। ‘इंडियाज आइडियाज’ शिखर बैठक में ऑनलाइन संवाद सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों में बड़े वैश्विक अजेंडा को आकार देने की क्षमता है।

उन्होंने कहा, ‘मैं आर्थिक संबंधों की प्रमुखता को समझता हूं…ये बेहद जरूरी मुद्दे हैं। ये वास्तव में देशों को एक-दूसरे से समझौते के प्रमुख आधार हैं। लेकिन मेरा मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच हम जहां वाणिज्य मुद्दों के माध्यम से काम करते हैं, हमें बड़ा सोचने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि वाणिज्य के इतर भारत और अमेरिका के बीच ज्यादा बड़ा संबंध है और इसे उन्होंने ज्ञान नवोन्मेष बताया। उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि बड़े परिदृश्य में हम मजबूती से साथ हों।’ जियोपॉलिटिकल नजरिये के बारे में जयशंकर ने कहा कि अमेरिका को वास्तव में एक ज्यादा बहुध्रुवीय विश्व के साथ काम करने की जरूरत है, जिसमें बहुआयामी व्यवस्था हो।

इसी कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, जो इस समय लंदन में है, ने भारत से चीन के खिलाफ और कड़े कदम उठाने का आग्रह किया। पॉम्पियो ने कहा, ‘भारत के पास चीन से ग्लोबल सप्लाई चेन बनने का एकाधिकार लेने का अवसर है। इसके अलावा टेलीकम्यूनिकेशन, मेडिकल सप्लाई और अन्य सेवाओं में चीनी कंपनियों पर निर्भरता कम करने का मौक भी है।’
(यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।)


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